प्रयागराज ब्यूरो । महाकुंभ के मद्देनजर रोड चौड़ीकरण के लिए प्रशासन लोगों का घर उजाडऩे पर आमादा है। घरों को तोडऩे के लिए लगाए गए निशान में सैकड़ों मकानों का अस्तित्व ही खत्म होने वाला है। ऐसे में इन मकानों में बसर करने वालों बिन मकान रोड पर आ जाएंगे। जिनके एक दो कमरे बचेंगे भी वह किसी काम के नहीं रह जाएंगे। ऐसी स्थिति में चांदपुर सलोरी के लिए मकान बचाओ आंदोलन शुरू कर दिए हैं। शनिवार मकान बचाने के लिए एक बार फिर मेला अधिकारी विजय किरण आनन्द के कार्यालय पर लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही लोगों के द्वारा मकान नहीं तोडऩे के लिए ज्ञापन भी सौंपा गया।
कई मकानों का खत्म हो जाएगा अस्तित्व
बताते चलें कि मेला करीब डेढ़ दो महीने पूर्व पीडीए तेलियरगंज संगम वाटिका से लेकर रसूला बाघाट तक व चांदपुर सलोरी होते हुए गोविंद विक्रम स्टैंड तक रोड चौड़ीकरण के उद्देश्य से नाम जोख किया। गोविंदपुर चौराहे से शिवाला तक जाने वाली सड़क पर भी मकानों में निशान लगाकर खुद से तोडऩे के निर्देश भवन स्वामियों को दिए गए थे। घुड़की दी गई थी कि यदि वे अपने से लगाए गए निशान तक मकान नहीं तोड़ेंगे तो वह खुद जेसीबी लगाकर तोड़ देंगे। ऐसे में यदि बड़ा नुकसान हुआ तो जिम्मेदारी खुद भवन मालिक की होगी। सिर से छत जाने का विरोध चारों तरफ शुरू हो गया था। बावजूद इसके अफसर रोड़ की चौड़ाई कम करने तक को तैयार नहीं हुई। फिलहाल रसूलाबाद में संगम वाटिका से घाट तक मकानों में लगाए गए निशान तक लोग अपना मकान तोड़ लिए। अब रोड नहीं बनने से वे मकानों का रिकंट्रक्शन कराने में डर रहे हैं। मकानों के टूटने से उसके बनने तक यहां दर्जनों परिवार शरणार्थी का जीवन बसर करने को मजबूर है। वहीं चांदपुर सलोरी के लोग मकान टूटने के विरोध में घर बचाओ आंदोलन शुरू कर दिए। परिवार के साथ कई दिनों तक धरना व प्रदर्शन किए। शनिवार को यह लोग परेड स्थित मेला कार्यालय पहुंच कर मेला अधिकारी के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किए। साथ ही मकान नहीं तोडऩे के लिए ज्ञापन भी सौंपे। यहां विरोध को देखते हुए मेला अधिकारी ने फिर से क्षेत्र की सड़क के निरीक्षण का भरोसा दिलाया है।