प्रयागराज (ब्यूरो)। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आप किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हैं तो कोशिश करिए कि कोरोना कॉल में वह आप पर हावी न होने पाए। अगर ऐसा हुआ तो कोरोना कमजोर शरीर पाकर मरीज पर कब्जा जमा सकता है। ऐसा हुआ तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। एसआरएन अस्पताल के कोविड वार्ड मे भर्ती दस मरीजों के केसेज में यही कारण सामने आया है। इनमें से चार मरीजों को हार्ट, दो मरीजों को फेफड़ा, तीन महिलाओं को प्रेगनेंसी और एक संक्रमित को ब्लड प्रेशर की तकलीफ है। इन चारों की जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इम्युनिटी बेहतर तो सात दिन में डिस्चार्ज
अगर बॉडी की इम्युनिटी बेहतर है तो फिर कोरोना आपको अधिक नुकसान नही पहुंचा पाएगा। इसका एग्जाम्पल जिले के 414 वह मरीज हैं जो होम आइसोलेशन में है। पाजिटिव होने के बावजूद इनके भीतर हल्के लक्षण हैं या ये लक्षण रहित हैं। नई गाइड लाइन के अनुसार ए सिम्प्टोमेटिक मरीजों को सात दिन आइसोलेशन में रखा जाना है। अगर तीन दिन तक बुखार नही आया तो उनको डिस्चार्ज मान लिया जाएगा। लेकिन यह तभी होगा जब बॉडी की इम्युनिटी बेहतर होगी और कोरोना प्रभावी नही होगा।
ऐसे रखिए खुद का ख्याल
बीपी, शुगर, हार्ट, किडनी और लीवर से संबंधित बीमारी है तो डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन करते रहें।
घर से कम निकलें, बाहर जाते समय मास्क का यूज करें।
सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाली जगहों पर कम जाएं।
पाजिटिव आने के बाद कोविड प्रोटोकाल का पालन करते रहें
कोरोना पाजिटिव आने के बाद कतई न घबराएं, इससे शॉक लगने का खतरा बना रहता है।
समय समय पर अपना आक्सीजन लेवल चेक करते रहें।
93 से नीचे आने के बाद तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
फीवर नही आ रहा है तो भी निश्चिंत मत हों। समय पर दवाएं लेते रहें।
भोजन में पौष्टिक आहार लेते रहें। संपूर्ण भोजन व आहार लेने से बॉडी की इम्युनिटी पॉवर स्ट्रांग रहती हैं।
मार्निंग में वॉक करने के अलावा एक्सरसाइज जरूर करें।
सिगरेट और शराब का सेवन करने से बचें। इससे इम्युनिटी कमजोर हो जाती है।
कोरोना से तीसरी लहर में पहली मौत
इस बीच शनिवार को कोरोना की तीसरी लहर में पहली मौत हो गई है। मरीज एसआरएन अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती था। बताया गया कि वह नैनी एरिया का बर्न केस था और जलने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में कोविड पाजिटिव आने के बाद मरीज को एसआरएन रेफर कर दिया गया। बॉडी 60 परसेंट से अधिक जल जाने से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में मरीज को आक्सीजन लेवल पर रखा गया था। उसने शनिवार को दम तोड़ दिया। डॉक्टर्स का कहना है कि जल जाने से उसका शरीर कमजोर हो गया था और यही कारण है कि वह कोरोना की चपेट में आकर संक्रमित हो गया।
कोविड वार्ड में भर्ती होने वाले मरीज किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीडि़त हैं। बॉडी की इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से वह कोरोना की चपेट में आ गए। अक्सर कमजोर शरीर में कोरोना अधिक घातक सिद्ध होता है। इसलिए कोरोना काल में अपनी इम्युनिटी को बचाकर रखना बहुत जरूरी है।
डॉ। सुजीत कुमार वर्मा
नोडल कोविड, एसआरएन हॉस्पिटल प्रयागराज