प्रयागराज ब्यूरो, प्रकृति के क्षेत्र में संघ ने तीन आयाम बनाए हैं। पेड़, पानी और प्लास्टिक। स्वयंसेवकों से आग्रह है कि स्वयं हरियाली के लिए प्रयास करें, फिर कार्यालय में गतिविधियों को बढ़ाएं उसके बाद समाज में जाएं। महत्वपूर्ण यह है कि इस कार्य में ङ्क्षहदू, मुस्लिम और ईसाई सहित सभी वर्ग को साथ लेना है। जो सामाजिक एका बनाने में भी सहायक होगा। इसके पीछे का सूत्र वाक्य है कि छोटे काम बड़े परिवर्तन। लोगों में जब समझ बढ़ेगी तो समर्पण भी बढ़ेगा। इस तरह से संघ जनमानस को पर्यावरणमुखी बनाने की तैयारी में है। संगठन के पदाधिकारियों का यह भी मानना है कि भारतीय संस्कृति के कमजोर होने से समस्याएं बढ़ रही हैं।

एक व्यक्ति लगाएगा 40 पौधे

शताब्दी वर्ष में संघ के स्वयंसेवक एक जिले में कम से कम एक हजार लोगों को सौर ऊर्जा का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करेंगे। एक व्यक्ति जीवन में न्यूनतम 40 पौधे लगाए इसके लिए भी संदेश प्रसारित किया जाएगा। अखिल भारतीय पदाधिकारी गोपाल आचार्य के अनुसार पर्यावरण के क्षेत्र में विशेष सुधार के लिए एनजीओ, नारी शक्ति, साधु संतों के साथ शैक्षिक संस्थाओं को साथ लेना होगा। शहरी क्षेत्रों में हरित घर बनाने, घर का पानी घर में और प्लास्टिक फेंके नहीं समेटे जैसे अभियान को लोगों के बीच ले जाएं। अन्य उपाय जो किए जाने के सुझाव दिए गए हैं उनमें पंच वटी लगाने, सभी घर में पक्षियों के लिए घोषला जैसा स्थान बनाने, प्रतिदिन सुबह प्रत्येक घर में यज्ञ करना शामिल है।

विशिष्ट जनों को दी श्रद्धांजलि

इसके पहले आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की चार दिवसीय बैठक रविवार को गौहनिया स्थित वात्सल्य सभागार में आरंभ हुई। बैठक की शुरुआत में संघ ने उन विशिष्टजनों को नमन किया, जिनका पिछले कुछ महीने में निधन हुआ है। संघ प्रमुख डा। मोहन भागवत ने मां भारती के चित्र पर माल्यार्पण किया। साथ में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले मौजूद रहे। इसके बाद ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, आचार्य धर्मेंद्र, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम ङ्क्षसह यादव, पूर्व न्यायाधीश आरसी लाहोटी, हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव, उद्योगपति साइरस मिस्री, पुरातत्वविद बीबी लाल को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि संघ के एजेंडा में पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, जनसंख्या असंतुलन, मातृभाषा में शिक्षा शामिल है। इसके साथ वर्ष 2025 में मनाए जाने वाले संघ के शताब्दी की ²ष्टि से कार्यविस्तार को लेकर बनी योजना की समीक्षा की गई। बता दें कि 19 अक्टूबर तक चलने वाली बैठक में 11 क्षेत्रों व 45 प्रांत के 378 अखिल भारतीय पदाधिकारी शामिल हैं। इस दौरान सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, मुकुंद सीआर, मनमोहन वैद्य, कृष्ण गोपाल, रामदत्त चक्रधर भी मौजूद रहे।

एक लाख शाखाओं का लक्ष्य

बैठक में अखिल भारतीय पदाधिकारियों ने 2024 तक शाखाओं की संख्या एक लाख तक ले जाने के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए वर्तमान में संचालित शाखाओं का विवरण जाना। संकल्प लिया कि स्वयंसेवक शाखा विस्तार के लिए सभी उपक्रम करेंगे। मार्च 2024 तक 35 हजार शाखा विस्तार का लक्ष्य प्राप्त करना है। 11 से 13 मार्च 2022 तक गुजरात में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ विस्तार की समीक्षा हुई थी। उसमें बताया गया था कि मार्च 2022 तक देशभर के 38,390 स्थानों पर 60,929 शाखाएं लग रही थी। मार्च 2021 तक देशभर के 34,569 स्थानों पर 55,652 शाखाएं थीं। लक्ष्य के अनुरूप एक साल में 5,277 नई शाखाएं शुरू हो चुकी हैं। वर्तमान में 65 हजार शाखाएं चल रही है।