एफडी में बेहतर रिटर्न न मिलने से लोगों का बढ़ रहा है रुझान, छोटे इंवेस्टमेंट से कर सकते हैं शुरुआत
वर्तमान समय में देश की इकोनॉमिक कंडीशन जैसी है उसमें लांग टर्म इनवेस्टमेंट ही बेहतर आप्शन है। उसी प्लान में इनवेस्ट करें जहां 5 से 6 साल तक पैसा निकालने की जरूरत न पड़े। यहां से आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है। म्युचुअल फंड में निवेश करने का सबसे सुरक्षित और बेहतर तरीका है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी। एसआईपी में अपना पैसा एक मुश्त जमा करने की जगह हर महीने में तय किस्त के आधार पर जमा कर सकते हैं।
रहती है हाई रिटर्न की संभावना
हमारे यहां छोटे रिटेल निवेशकों की संख्या काफी बड़ी है। वह कम पैसे में बड़ा फायदा चाहते हैं। ऊपर से कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नही रही है। ऐसे में लोग चाहते हैं कि उन्हें कम पैसे जमा करने पड़े और हाई रिटर्न की संभावना बनी रहे। ऐसे में उनको एसआईपी में इंट्रेस्ट बढ़ रहा है। कपड़ा व्यापारी राजेश सिंह कहते हैं कि यह एक बड़ी सुविधा है। क्योंकि इसमें समय समय पर अपने निवेश का आकलन कर एसआईपी की राशि बढ़ाई जा सकती है। एसआईपी में लंबी अवधि में हाई रिटर्न की संभावना भी ज्यादा होती है। बाजार में ऐसी बहुत सी एसआईपी स्कीम है जिनमें निवेशक 100 से 500 रुपये में भी अपना निवेश शुरु कर सकते हैं।
तो डूब सकता है निवेश
एक्सपर्ट्स बताते है कि सामने कोरोना की थर्ड वेव के आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में शार्ट टर्म इनवेस्टमेंट करने से रकम डूब सकती है। आपका निवेश खतरे में पड़ सकता है.पेशे से टीचर संजय चतुर्वेदी बताते हैं कि मार्केट बेस्ड छोटी स्कीमों पर पैसा लगाने का अभी समय नही है। इसकी जगह एसबीआई स्मालकैप, एक्सिस मिडकैप, इन्वेस्को इंडिया, केनरा रेबेको आदि की लांग टर्म स्कीम्स में इनवेस्टमेँट किया जा सकता है। इनका रिटर्न भी फायदेमेंद और हैवी है।
एसआईपी के फायदे
एसआईपी इक्विटी या डेट फंड में निवेश शुरु करने वाले उन निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो बाजार की जोखिम को कम करना चाहते हैं।
इसके जरिए कैपिटल मार्केट में छोटी राशि के साथ और आसान किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं।
एसआईपी में निवेशकों को कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है। लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है।
हर महीने किस्त जमा करने का फायदा है कि जब बाजार में रिटर्न बढ़ रहा हो तो टॉप अप एसआईपी के जरिए किस्त बढ़ा सकते हैं।
बाजार में गिरावट आने और डर बढ़ने पर एसआईपी पॉज करने की भी सुविधा है, फिर बाजार सही होने पर इसे जारी रख सकते हैं।
इसके तहत फंड हाउस को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन देकर बैंक अकाउंट से ऑटो डेबिट की सुविधा भी ले सकते हैं, जिससे हर महीने आपके बैंक अकाउंट से अपने आप किश्त की राशि कट जाएगी।
एसआईपी के लिए जरूरी डाक्यूमेंट
एसआईपी शुरू करने के लिए केवाईसी की प्रक्रिया जरूरी होती है।
इसके लिए पैनकॉर्ड, एड्रेसप्रूफ, पासपोर्ट आकार के फोटोग्रॉफ और चेकबुक आपके पास होने चाहिए।
एसआईपी पेमेंट के डेबिट के लिए आपको बैंक अकाउंट डिटेल भी देने होंगे।
ऑनलाइन ट्रांसजैक्शन के लिए आपको एक यूजर नेम और पॉसवर्ड बनाना होगा।
ऑनलाइन एसआईपी शुरु करने के लिए आप किसी फंड हाउस के वेबसाइड पर जाकर एसपीआई चुन सकते हैं।
शहर में ऐसे बहुत से लोग हैं जो लांग टर्म इनवेस्टमेंट को कोरोना काल में पसंद कर रहे हैं। उनको मालूम है कि मार्केट बेस्ड शार्ट टर्म इनवेस्टमेँट से उनको नुकसान हो सकता है। कोरोना बढ़ा तो पैसा डूब जाएगा। इसलिए लोग इस दिशा में जाने की कोशिश कर रहे हैं।
नितिन मेहरोत्रा, सीए
कम से कम पांच से छह साल का इनवेस्टमेंट प्लान लीजिए। इसमें कम किस्त के साथ इनवेस्टमेंट करिए। कोरोना काल में अगर पैसे की कमी भी हुई तो आपका प्लान रुकेगा नही। छोटे एमाउंट से आप लांग टर्म जमा करा सकते हैं।
रवि गुप्ता, सीए