प्रयागराज ब्यूरो । गाँव में गुटबाजी समाप्त कर विकास कार्यों को गति देने का है लक्ष्य
क्या कोई कल्पना कर सकता था कि प्रधानी के चुनाव में एक दूसरे की कांट-छांट में लगे रहे, तमाम वैमनस्यता एवं नकारात्मकता मन में बैठाये प्रधान और उनके चुनावी प्रतिद्वन्दियों का हृदय परितर्वन किया जा सकता है। सारे मतभेद भुलाकर उन्हें गाँव के विकास के लिए एकजुट करने का प्रयास भी क्या सोचा जा सकता है। जी हाँ, जनपद प्रयागराज के उरुवा विकास खण्ड में इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सद्भावना ग्राम योजना की नींव रखी गई। ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रधान और प्रधानी के चुनाव में उपविजेता प्रत्याशियों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया। यह अनूठा व नायाब प्रयास पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं पूर्व मण्डलायुक्त, झाँसी मण्डल डॉ। अजय शंकर पाण्डेय द्वारा प्रयागराज जिला प्रशासन के साथ मिलकर किया गया। जिसमें प्रधान, पराजित प्रधान, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर सद्भावना ग्राम योजना के क्रियान्वयन के बारे में बताया गया।
विकास सलाहकार बनेंगे हारे हुए प्रधान
ग्राम सद्भावना योजना के बारे में डॉ। पाण्डेय ने बताया कि इस योजना में निर्वाचित प्रधान कुशल प्रधान और पराजित प्रधान विकास सलाहकार की भूमिका निभाएंगे। निर्वाचित प्रधान भविष्य में अपने प्रतिद्वन्दी का परिचय अपराजित प्रधान के रूप में नहीं बल्कि विकास सलाहकार के रूप में करायेंगे, क्योंकि पराजित शब्द नकारात्मक है। इस योजना के माध्यम से निर्वाचित प्रधान और चुनाव में प्रतिभाग करने वाले प्रतिद्वन्दी उम्मीदवार परस्पर एकजुट होकर गांव के विकास में सहयोगी बनेंगे। सद्भावना ग्राम योजना के अन्तर्गत आने वाले गांव के विकास कार्यों को प्रशासनिक स्तर पर प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। इस योजना का क्रियान्वयन तीन चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में निर्वाचित प्रधान के साथ बैठक, दूसरे चरण में पराजित प्रधान के साथ बैठक और तीसरे व अंतिम चरण में निर्वाचित व पराजित प्रधान के साथ बैठक कर योजना के बारे बताया जाएगा। उरुवा विकास खण्ड में आयोजित इस कार्यषाला में प्रधानों और हारे हुए प्रधानों में गजब का उत्साह देखा गया। सभी ने इस पहल को अभूतपूर्व बताते हुए हाथ उठाकर इस योजना का समर्थन किया। इस अवसर पर डॉ। अजय शंकर पाण्डेय, पूर्व वरिष्ठ आईएएस तथा पूर्व मण्डलायुक्त, झांसी मण्डल, झांसी, एसडीएम मेजा अभिनव कन्नौजिया, बीडीओ उरुवा दिनेश सिंह, एडीओपी सुदामा राम, श्रीमती गुडिय़ा प्रधान निब्बी, अनिल कुमार दुबे प्रधान समोगरा, श्रीमती अनीता देवी प्रधान रैपुरा, विमत चन्द प्रधान तरवाई, हेमेन्द्र मिश्रा प्रधान परवा आदि उपस्थित रहे।
इस योजना के मुख्य सूत्राधार प्रयागराज के मूल निवासी पूर्व वरिष्ठ आईएएस तथा पूर्व मण्डलायुक्त, झाँसी मण्डल, झाँसी डॉ। अजय शंकर पाण्डेय हैं जिनके द्वारा सद्भावना ग्राम योजना की शुरुआत पूर्व में जनपद गाजियाबाद, जालौन, ललितपुर तथा झाँसी में की जा चुकी है। श्री पाण्डेय इलाहाबाद के शिक्षित, प्रतिष्ठित परिवार से हैं और इनके भाई-बहिन भी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं।

क्या है सद्भावना ग्राम योजना
पंचायत चुनाव के निर्वाचित प्रधान और चुनाव में प्रतिभाग करने वाले प्रतिद्वन्दी उम्मीदवारों को योजना के माध्यम से परस्पर सहयोगी बनाकर गाँव के विकास में एकजुट होकर कार्य करने के लिए प्रेरित करना।
उभय पक्षों द्वारा परस्पर निर्वाचित प्रधान को कुषल प्रधान तथा पराजित प्रधान पद के उम्मीदवारों को विकास सलाहकार की उपाधि / सम्बोधन से सम्मानित करना।


निर्वाचित प्रधान के साथ बैठक। पराजित प्रधान पद के उम्मीदवार के साथ बैठक। निर्वाचित एवं पराजित प्रधान के साथ संयुक्त बैठक।
ग्राम सभा में खुली बैठक में सद्भावना ग्राम योजना के अंगीकरण का प्रस्ताव पारित किया जाना।
सद्भावना ग्राम योजना लागू करने के लिए प्रधान व पराजित प्रधान का संयुक्त रूप से आवेदन पत्र प्रस्तुत करना।
घोषणा के दिन गांव में सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन होना जहाँ प्रधान व पराजित प्रधानों द्वारा एक-दूसरे को माला पहनाकर एवं बैज लगाकर एकता का संदेष दिया जाएगा।


बीडीओ सद्भावना ग्राम के कुशल प्रधान तथा विकास सलाहकार को विजिटिंग कार्ड व प्रमाण पत्र जारी करेगा।
सद्भावना ग्राम के प्रधान साथ-साथ जिस अधिकारी के कक्ष में जायेंगे, उनका खड़े होकर अभिवादन करना होगा।
सद्भावना ग्राम के प्रधानों को अधिकारियों के कार्यालयों में मिलने में वरीयता दी जायेगी।
सद्भावना ग्राम के लिए लेटर हेड अलग रंग का होगा।
सद्भावना ग्राम के आवेदन पत्र पर सभी विभागों को त्वरित गति से कार्यवाही करनी होगी।
सद्भावना ग्राम के संयुक्त विकास सम्बन्धी पत्र पर वर्ष में अतिरिक्त बजट किसी भी मद से गाँव के विकास हेतु दिया जाएगा।
सद्भावना ग्राम के जो लेटर हेड उपलब्ध कराया जाएगा, उस पर दिये गए आवेदन तभी मान्य होगा, जब कुषल प्रधान और विकास सलाहकार के संयुक्त हस्ताक्षर होंगे। यानी के इस लेटर हेड का डबल सिग्नेचर (संयुक्त हस्ताक्षर) ऑपरेशन होना चाहिए।