- एक साल से ठंडा पड़ा है होटल व्यवसाय, नही हो रहा बिजनेस
- नगर निगम और बैंकों से राहत की उम्मीद
प्रयागराज- शहर के होटल पिछले एक साल से वीराने का शिकार हो रहे हैं। न तो इनमें लोग ठहर पा रहे हैं और न ही फंक्शन आर्गनाइज हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इन होटल्स की स्थिति नाजुक हो गई है। बीच में प्रशासन ने कुछ राहत की कोशिश की लेकिन वह भी फेल्योर हो गए। कोरोना की दूसरी लहर में लगभग धाराशाई हो चुका होटल व्यवसाय को अब दोबारा पनपने के लिए राहत की दरकार है। होटल संचालकों का कहना है कि अब उन्हें बूस्टर डोज मिलनी चाहिए।
टैक्स में छूट मिलना जरूरी
होटल संचालकों का कहना है कि पिछले कोरोना काल के बाद से होटल्स में लोगों का ठहरना न के बराबर हो गया। नवबर दिसंबर में सरकार ने कुछ शर्तो के साथ छूट दी थी तो शादियां हुई थी लेकिन उससे होटल इंडस्ट्री को बहुत फायदा नहीं हुआ। इससे पहले कि सहालग के सीजन में फिर से व्यापार पनपता कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी। इससे पूरा बिजनेस चौपट होने की स्थिति में आ गया है। अब होटल संचालकों का कहना है कि नगर निगम के कामर्शियल टैक्स में मिलने वाली छूट का दायरा बढाया जाना चाहिए। वरना दिक्कत हा जाएगी।
अब तो आपका ही सहारा
एक तो होटल व्यवसाय डिस्टर्ब है तो दूसरी ओर बैंको की ईएमआई में जुड़ने वाला चक्रवृद्धि ब्याज संचालकों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। उनका कहना है कि ब्याज माफ किया जाना चाहिए। इसके अलावा सरकार ने कहा है कि बिजली की दर नहीं बढ़ेगी। ऐसे में खाली पड़े होटलों में आने वाले बिजली के बिल में फिक्स चार्ज खत्म कर देना चाहिए। इस बारे में सरकार को जरूर सोचना चाहिए।
नही ठहरे तीमारदार
हाल ही में प्रशासन ने कहा था कि कोरोना मरीजों का इलाज कराने आए तीमारदार होटल में छह सौ रुपए के मिनिमम चार्ज के साथ ठहर सकते हैं लेकिन प्रशासन का यह फंडा भी काम नही आया। क्योंकि बहुत से लोग होटल में ठहरने को तैयार नही हुए। इसके अलावा शादियों में 25 लोगों के ठहरने की शर्त रखी गई जिससे कई बुकिंग ऐन टाइम पर कैंसिल कर दी गई। सबसे ज्यादा ग्राहक हाईकोर्ट और संगम स्नान वाले होते हैं, यह दोनों भी इस समय कोरोना के चलते ठप पड़े हैं। इस वजह से बिजनेस नही मिल रहा है।
वर्जन
अगर होटल व्यवसाय को दोबारा पनपना है तो सरकार से सहायता चाहिए होगी। बैंक ब्याज, बिजली का बिल में राहत और नगर निगम कामर्शियल टैक्स में छूट की दरों को निश्चित तौर पर बढ़ाया जाए।
अनिल गुप्ता, महामंत्री, प्रयागराज होटल एसोसिएशन
सबसे ज्यादा नुकसान होटल व्यवसाय को हुआ है। बाहर से आना लोगों का बंद है। स्टाफ की सैलरी देनी पड़ रही है। ऐसे में लॉक डाउन खुलने के बाद सरकार से राहत भी मिलनी जरूरी है।
सुधीर केसरवानी, होटल प्राइड इन