- दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने आरटीपीसीआर रिपोर्ट को लेकर किया खुलासा, पैसे देने पर मिल रही सुविधा

------------------------

anjani.ksrivastava.inext.co.in: जिले में कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट मिलने में देरी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट पांच से छह दिन में मिल रही है। इस देरी के कारण कोरोना आशंकित को सही उपचार नहीं मिल पा रहा। वहीं जांच रिपार्ट नहीं आने पर कोरोना का संक्रमण भी अन्य लोगों में फैलने का खतरा रहता है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने इस समस्या को देखते हुए स्टिंग किया तो चौकाने वाला सच भी सामने आया, जिसमे भले ही लोगों को जांच के बाद पांच या छह दिन में आरअीपीसीआर रिपोर्ट मिले, पर यदि आप पैसा देते हैं तो 24 घंटे में अपनी आरटीपीसीआर रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। पेश है दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर व एजेंट के बीच बातचीत के प्रमुख अंश

रिपोर्टर- हैलो संजय बोले रहे हैं,

एजेंट- हां बताइये

रिपोर्टर- भाई बहुत अर्जेट है, कोरोना जांच की रिपोर्ट चाहिए

एजेंट- मिल जायेगी, पर समय लगेगा

रिपोर्टर- भाई जी कितना समय लगेगा

एजेंट- आप जान ही रहे हैं, जांच बहुत ज्यादा हो रही है। इसलिए रिपोर्ट मिलने में पांच-छह दिन लग जाएंगे।

रिपोर्टर- भाई बहुत अर्जेट है, मुझे फ्लाइट पकड़नी है, उसमें 72 घंटे पहले की रिपोर्ट दिखानी होगी।

एजेंट- इसके लिए मुझे अपने साथी से बात करनी होगी, थोड़ी देर बाद जैसा होगा बताता हूं।

(करीब तीन घंटे के बाद फिर से फोन एजेंट का रिपोर्टर के मोबाइल पर आता है )

एजेंट- हैलो, बात हो गई है, काम हो जायेगा, पर इसके लिए आपको 2500 रुपये देने होंगे।

रिपोर्टर- भाई क्या 72 घंटे पहले आरटीपीसीआर रिपोर्ट मिल जायेगी

एजेंट- आपको 24 घंटे पहले की रिपोर्ट अवलेबल करा देंगे

रिपोर्टर- पर पैसे बहुत ज्यादा मांग रहे है, कुछ कम करिये

एजेंट- देखिये सबको मैनेज करना होता है, मात्र मेरे पास 500 रुपये ही बचते हैं

रिपोर्टर- क्या रिपोर्ट पूरी तरह से सही होगी, फर्जी तो नहीं होगा।

एजेंट- फर्जी नहीं होगा, ऑनलाइन शो करेगा, तब आप पैसा दीजियेगा।

रिपोर्टर- पर कुछ कम करिये बहुत ज्यादा ले रहे हैं

एजेंट- चलिये आप 1500 रुपये दे दीजियेगा, 24 घंटे में रिपोर्ट दे देंगे।

क्या है आरटी पीसीआर टेस्ट?

आरटी पीसीआर टेस्ट यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन टेस्ट। इस टेस्ट के जरिए व्यक्ति के शरीर में वायरस का पता लगाया जाता है। इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। जांच के दौरान शरीर के कई हिस्सों से सैंपल लेने की जरूरत पड़ती है। ज्यादातर सैंपल नाक और गले से म्यूकोजा के अंदर वाली परत से स्वैब लिया जाता है।

टेस्ट देने के लिए क्या करना चाहिए

इस टेस्ट के लिए किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन अगर आप कोई विशेष दवा, काढ़ा या जड़ीबूटी का सेवन कर रहे हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही सैंपल दें। ऐसा इसलिए, ताकि आप जो दवा या काढ़े का सेवन कर रहे हैं, उसका रिपोर्ट पर असर नहीं दिखे। सैंपल देने के लिए भूखे रहने की आवश्यकता नहीं होती है। सैंपल कभी भी दिया जा सकता है।

सिस्टम को ब्रेक करने वाले के खिलाफ करें कम्प्लेन

आरटीपीसीआर रिपोर्ट को लेकर यदि सरकारी कर्मचारी पैसे की डिमांड करता है, तो यह पूरी तरह से गलत है। ऐसे व्यक्ति को दंडित किया जायेगा। साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रभाकर राय ने लोगों से अपील की है कि सिस्टम को बनाये रखने के लिए सबका सहयोग जरूरी है। यदि जांच टीम रिपोर्ट को जल्द दिलाने के लिए पैसे की डिमांड करे तो मेरे कार्यालय व मुझे पर्सनल कम्प्लेन किया जाय, उस व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।