प्रयागराज ब्यूरो । भरोसे में लेकर एक इंश्योरेंस कर्मी ने एक कारोबारी के परिवार को ठग लिया। इंश्योरेंस कर्मी ने भरोसे का ऐसा मायाजाल फैलाया कि कारोबारी का परिवार उस पर भरोसा कर बैठा। इंश्योरेंस कर्मी ने फार्म भरवाने से लेकर डेथ क्लेम आने तक पूरे परिवार को अपने भरोसे में रखा। इसके बाद उसने अपने साथी के साथ मिलकर ऐसा खेल रचा कि कारोबारी का परिवार हाथ मलकर रह गया। इंश्योरेंस कर्मी ने कारोबारी के डेथ क्लेम का 44 लाख रुपये गायब कर दिया। जब इसका पता परिवार को चला तो उसके होश उड़ गए। साइबर थाने की पुलिस ने ठगी करने वाले इंश्योरेंस कर्मी और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है।
ये है मामला
वासुदेव प्रामानिक झूलेलाल नगर लूकरगंज में रहते थे। सिविल लाइंस में पीवीआर चौराहा के पास उनका रेस्टारेंट है। 10 अप्रैल 2023 को वासुदेव प्रामानिक की मौत हो गई। वासुदेव ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस से दो पॉलिसी करा रखी थी। वासुदेव की मृत्यु के पश्चात उनके बेटे देव और पत्नी मीरा ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के आफिस में सम्पर्क किया। दोनों की मुलाकात वहां पर काम करने वाले शुभम सिंह से हुई। शुभम सिंह ने दोनों से पूरा मामला समझा इसके बाद फार्मेलिटी पूरी करके कारोबारी के परिवार को दस लाख रुपये इंश्योरेंस के दिलवा दिए। इस बीच शुभम का देव के रेस्टोरेंट पर आना जाना शुरू हो गया। शुभम ने देव के परिवार को भरोसे में ले लिया। दस लाख रुपये इंश्योरेंस के मिलने के बाद परिवार का भरोसा शुभम पर जम गया। देव ने बताया कि एक पॉलिसी और है।
शुभम ने शुरू कर दिया खेल
जब शुभम को यह जानकारी हुई कि देव के पास उसके पिता की एक और पॉलिसी है तो उसके दिमाग में ठगी का खेल आ गया। चूंकि वह परिवार पर पूरा भरोसा जमा चुका था ऐसे में उसकी किसी हरकत पर देव को शक नहीं हुआ। हुआ ये कि दूसरी पॉलिसी की फार्मेलिटी पूरी कराने के बाद शुभम ने देव को सलाह दी कि इस पॉलिसी की रकम ज्यादा है। ऐसे में इसके लिए नया एकाउंट खुलवाना ठीक रहेगा। नहीं तो जीएसटी कट जाएगी। देव ने भरोसे में आकर नया एकाउंट खुलवाने की हामी भर ली। इसके बाद शुभम ने अपने एक साथी शिवेंद्र सागर मित्रा को भेजा। शिवेंद्र सागर उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में काम करता था। शिवेंद्र ने रेस्टारेंट पर देव से मुलाकात की। इसके बाद देव से पेपर लेकर उसकी मां मीरा के नाम से उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस में एक नया एकाउंट खुलवा दिया।
पांच लाख में किया सौदा
शुभम सिंह ने अपने साथी शिवेंद्र सागर से पांच लाख में सौदा किया। सौदा इस बात का हुआ कि मीरा प्रामानिक के नाम से खुलने वाले एकाउंट में मोबाइल नंबर शुभम सिंह का रहेगा। पांच लाख रुपये की लालच में शिवेंद्र इसके लिए तैयार हो गया। सारी फार्मेलिटी पूरी होने के बाद उत्कर्ष स्मॉल फाइलेंस बैंक में मीरा प्रामानिक के नाम से एक नया एकाउंट खुल गया। एकाउंट मीरा के नाम से खुला मगर उसमें मोबाइल नंबर शुभम का था। 28 मार्च 2024 को मीरा प्रामानिक के उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के एकाउंट में 44 लाख रुपये आए। चूंकि बैंक एकाउंट में मोबाइल नंबर शुभम का था, ऐसे में उसे 44 लाख रुपये आने का मैसेज मिल गया। शुभम ने दूसरे दिन नेट बैंकिंग के जरिए 44 लाख रुपये कई एकाउंट में ट्रांसफर कर लिए।
गायब हो गया शुभम
44 लाख रुपये मिलने के बाद शुभम सिंह नौकरी छोड़कर गायब हो गया। यही नहीं उसने शिवेंद्र के साथ मोबाइल नंबर डालने के लिए जो सौदा पांच लाख में किया था, उसमें से केवल तीन लाख रुपये ही शिवेंद्र को दिया। शिवेंद्र भी इतनी बड़ी रकम पाने के बाद कुछ नहीं बोला। हालांकि उसे अनुमान भी नहीं था कि शुभम के मन में क्या चल रहा है। उधर, शुभम अपना कारनामा करने के बाद मोबाइल नंबर बंद करके सूरत निकल गया।
साइबर थाने में केस दर्ज
कई दिनों तक शुभम नहीं आया और उसका मोबाइल भी नहीं लगा तो देव परेशान हुआ। वह शुभम की तलाश में एचडीएफसी आफिस पहुंचा तो वहां पता चला कि शुभम ने नौकरी छोड़ दी है। देव ने पता किया तो जानकारी मिली कि उसके पिता के डेथ क्लेम का पैसा रिलीज हो चुका है। इसकी जानकारी पर देव ने उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में गया। वहां पता चला कि उसकी मां मीरा के एकाउंट में 44 लाख रुपये आया था, मगर उसे दूसरे दिन ही कई एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया। इस पर देव के होश उड़ गए। देव ने ब्रांच मैनेजर को बताया कि उसके घरवालों ने रकम नहीं ट्रांसफर की है। इस पर मैनेजर ने चेक किया तो पता चला कि एकाउंट में दर्ज नंबर देव या उसकी मां मीरा का नहीं है। मोबाइल नंबर शुभम का है। देव और उसकी मां ने 20 अप्रैल को साइबर थाने में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर साइबर थाने में केस दर्ज कर लिया गया। घटना के बाद जब मामला शिवेंद्र सागर को पता चला तो वह भी नौकरी छोड़कर भाग निकला।
सूरत में खरीदा 25 लाख का फ्लैट
शुभम 41 लाख रुपये लेकर सूरत शिफ्ट हो गया। वहां पर शुभम ने अपने एक साथी के साथ 25 लाख रुपये का एक फ्लैट खरीदा। फिर वहीं रहने लगा। मामले की जांच में लगी साइबर पुलिस को शुभम सिंह के बारे में जब पता चला कि वह सूरत में रह रहा है तो पुलिस ने वहां दबिश दी। पुलिस ने शुभम सिंह को गार्डेन सिटी जीआईडीसी भरुच गुजरात से गिरफ्तार किया है। शुभम सिंह सैदपुर गाजीपुर का रहने वाला है। शुभम ने पूछताछ में पूरी घटना का राज खोला। इसके बाद पुलिस ने शिवेंद्र की तलाश शुरू की। शिवेंद्र को गुलमोहर कालोनी लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने फ्रीज कराए साढ़े छह लाख
साइबर थाने की पुलिस ने केस दर्ज होने के बाद जब छानबीन शुरू की तो पता चला कि अभी शुभम के एकाउंट में साढ़े छह लाख रुपये हैं। इस पर साइबर पुलिस ने साढ़े छह लाख रुपये फ्रीज करा दिया।
एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस में काम करने वाले शुभम ने एक कारोबारी परिवार के साथ डेथ क्लेम के 44 लाख रुपये की ठगी की। शुभम ने इसमें अपने एक बैंककर्मी साथी की मदद ली। दोनों को गिरफ्तार किया गया है।
राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर साइबर थाना
ये करें सावधानी
= किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी का क्लेम अथराइज्ड कर्मचारी के जरिए ही करें।
- इंश्योरेंस कंपनी के आफिस में सीनियर आफिसर से भी करें जानकारी।
- बगैर जानकारी किए किसी फार्मेलिटी को न करें।
- बगैर जान पहचान के अनजान शख्स पर भरोसा न करें।