प्रयागराज ब्यूरो । ब्वॉयज हाई स्कूल में हुए 34.5 करोड़ के गबन का पिटारा खुल गया है। मामला सीएम योगी आदित्य नाथ तक पहुंच गया है। गबन की शिकायत सीएम से बिशप मॉरिश एडगर दान ने की है। बिशप की शिकायत पर सीएम योगी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का निर्देश जारी किया। जिस पर मामले की जांच
ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है। निर्देश के बाद ईओडब्ल्यू एक्टिव हो गई है। ईओडब्ल्यू ने कार्यवाहक प्रधानाचार्य को लेटर जारी करके जांच में सहयोग के लिए एक नोडल अफसर नियुक्त करने का निर्देश दिया है। ईओडब्ल्यू को तीन महीना में जांच पूरी करके रिपोर्ट शासन को देनी है।

ये है मामला
ब्वॉयज हाई स्कूल एण्ड कालेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डेविट ल्यूक पर 34.5 करोड़ के गबन का आरोप बिशप मॉरिश एडगर दान ने लगाया है। बिशप एडगर दान ने चार जुलाई को सीएम योगी आदित्यनाथ से इस मामले की शिकायत की। शिकायती पत्र में बताया कि डेविड ल्यूक बीएचएस में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त थे। तात्कालीन प्रधानाचार्य सीवी इनिस ने एक जुलाई 2010 को डेविड ल्यूक को बर्खास्त कर दिया था। बिशप दान के चेयरमैन बनने के बाद 12 अगस्त 2010 को डेविड ल्यूक को कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनाया गया। डेविड ल्यूक की नियुक्त पत्र पर स्पष्ट रुप से लिखा गया कि सहायक अध्यापक के वेतनमान के अलावा भत्ता के रूप में पचास हजार रुपये मिलेगा। 16 अप्रैल 2012 को बीएचएस के प्रधानाचार्य पद का विज्ञापन निकाला गया। जिसमें डेविड ल्यूक समेत कई अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इंटरव्यू में कोई अभ्यर्थी योग्य नहीं पाया गया, जिस पर 17 अप्रैल 2012 को डेविड ल्यूक को प्रधानाचार्य पद पर नई नियुक्ति होने तक कार्यवाहक प्रधानाचार्य पद पर कार्य करने के लिए अधिकृत किया गया। इसके बाद डेविड ल्यूक फर्जी प्रपत्रों के जरिए खुद और अपनी पत्नी क्रिस्टबेल ल्यूक तथा बेटे रोबिन ल्यूक के नाम से नियम विरुद्ध तरीके से वेतन लेने लगे। इस फर्जीवाड़े में स्कूल का एकाउंटेंट डिकैस भी शामिल है। डेविड ल्यूक ने 4.7 करोड़ का गबन कर लिया। डेविड ल्यूक ने अपने सहयोगियों के जरिए कई कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई। जालसाजी करके विद्यालय भवन निर्माण के नाम पर तीस करोड़ का गबन कर लिया।

ईओडब्ल्यू करेगी जांच
सीएम के निर्देश पर गृह विभाग ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी है। मामले का जांच अधिकारी सुखदेव सिंह को बनाया गया है। मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) के एसपी लाल साहब यादव ने बीएचएस के कार्यवाहक प्रधानाचार्य को एक पत्र भेजा है। जिसमें एसपी ने मामले से अवगत कराते हुए जांच में सहयोग के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करने की आवश्यकता बताई है। एसपी ने नोडल अधिकारी का नाम, पदनाम, पत्राचार का पता और मोबाइल नंबर मांगा है।


बीएचएस में कार्यवाहक प्रधानाचार्य डेविड ल्यूक ने 34.5 करोड़ का गबन किया है। इस मामले की शिकायत मैंने सीएम योगी आदित्यनाथ से की है। जिस पर सीएम के निर्देश पर गृह विभाग ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी है।
मॉरिश एडगर दान, बिशप, डायोसिस ऑफ लखनऊ