प्रयागराज (ब्‍यूरो)। घटना पिछले साल दो मार्च की है। आरपीएफ के हेड कांस्टेबल ज्ञानचंद रात करीब दस बजे उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल के भरवारी रेलवे स्टेशन डयूटी पर तैनात थे। उनकी नजर प्लेटफार्म नंबर दो मौजूद खड़ी एक महिला पर पड़ी। प्रयागराज- जयपुर एक्सप्रेस के लिए ग्रीन सिग्नल हो चुका था। महिला को मेन लाइन पर खड़ा देख कांस्टेबल ज्ञानचंद ने आवाज लगाई तो महिला ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। ट्रेन आते देख महिला की जान बचाने के लिए ट्रैक पर कूद और महिला को धक्का देकर हटा दिया। लेकिन इस दौरान ज्ञानचंद खुद ट्रेन की चपेट में आ गए। भले ही अब ज्ञानचंद इस दुनिया में न हों लेकिन वह हमेशा के लिए अमर हो गए। राष्ट्र की ओर से उन्हें मरणोपरांत 'सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक प्रदान किया जाएगा। इस सम्मान के लिए संपूर्ण राष्ट्र से मात्र 6
सुरक्षा कर्मियों का चयन हुआ है।

2006 में हुई थी नियुक्ति
ज्ञानचन्द का जन्म किसान परिवार में 9 अक्टूबर 1977 को ग्राम परसिया मिश्रा, पुलिस थाना खुखुन्दू जनपद देवरिया में हुआ था। 25 मई 2006 को रेलवे सुरक्षा बल में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। वह रेलवे स्टेशन के बगल में ही किराए का कमरा लेकर पत्नी चुन्नी देवी और दो बच्चों के साथ रहते थे। एनसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डा। शिवम कुमार शर्मा ने बताया कि ज्ञानचंद ने पंद्रह साल तक पूरी निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया। वहीं इस अविस्मरणीय बलिदान को तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भी सराहा था। आरपीएफ इंस्पेक्टर बुद्धपाल सिंह, दरोगा अमित द्विवेदी ने बताया कि उनके द्वारा पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा एवं ईमानदारी से डयूटी का निवर्हन किया गया और उनके इस साहसी कार्य से रेलवे सुरक्षा बल के गौरवमयी इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया।

देश में छह लोगों को सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक दिए जाने की घोषणा हुई है। जिसमें हेड कांस्टेबल ज्ञानचंद का नाम भी शामिल है। उनके बेटा स्नातक कर रहा है। परिवार ने पढ़ाई पूरी करने के लिए एक वर्ष का समय मांगा है। बेटी की पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे अनुकंपा नियुक्ति दिलाई जाएगी।
रवींद्र वर्मा, एनसीआर आरपीएफ आईजी

ज्ञानचंद अपनी कर्तव्यनिष्ठा, विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते थे। सहकर्मियों के बीच अपने गाने के लिए भी प्रसिद्ध थे। कोविडकाल के दौरान मानिकपुर स्टेशन पर उनके गाये हुए अंतिम गीत के शब्द हमेशा जेहन में हैं।
बुद्धपाल सिंह, इंस्पेक्टर आरपीएफ प्रयागराज जंक्शन