प्रयागराज (ब्‍यूरो)।
शहर में जाम की बड़ी समस्या बन चुके ई-रिक्शा के रूट निर्धारण को लेकर मंथन शुरू हो गया है। शहर के महात्मा गांधी मार्ग पर ई-रिक्शा के संचालन पर रोक लगाने की तैयारी है। इसके बाद सिविल लाइंस में इस रोड पर ट्रैफिक काफी स्मूथ हो जाएगा। इसके बाद शहर में ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे ई-रिक्शा की मनमानी पर ब्रेक लग जाएगा। इतना ही नहीं, थानावार निर्धारित रूट के अतिरिक्त यह दूसरी सड़कों पर नहीं चल सकेंगे। इसके लिए के हर थाना क्षेत्र में ई-रिक्शा का कलर कोड भी तय किया जाएगा। यह प्लान पिछले दिनों ई-रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों की ट्रैफिक अफसरों संग हुई बैठक में डिसाइड किया गया है। प्लान पर सख्ती के साथ अमल हुआ तो जल्द ही यह व्यवस्था शहर में लागू हो जाएगी। इसके बाद चौक जैसे पॉश एरिया में भी ई-रिक्शा के प्रवेश पर प्रतिबंध लग जाएगा। हालांकि बनाए गए इस प्लान को लेकर ट्रैफिक पुलिस के अफसर अभी और मंथन कर रहे हैं। ताकि नियम लागू होने के बाद उल्लंघन पर किसी तरह से चालकों के पास कोई एक्सक्यूज नहीं रहे।


17 जोन में बांटा गया ई-रिक्शा का रूट
18 हजार के करीब ई-रिक्शा हैं पंजीकृत
17 हजार के करीब अपंजीकृत हैं ई-रिक्शा
35 हजार के लगभग ई-रिक्शा हैं जनपद में
750 ई-रिक्शा ही शहर में तय रूट पर चलेंगे

कलर कोड का करना होगा पालन
ई-रिक्शा के संचालन को लेकर शहर में बनाए जा रहे प्लान में कई और भी सख्त शर्तें शामिल बताई गई हैं। सब कुछ प्लान व निर्णय के मुताबिक चला तो एमजी मार्ग पर ई-रिक्शा के संचालन पर प्रतिबंध तो होगा ही, जानसेनगंज सहित कई मार्गों पर एकल दिशा की व्यवस्था भी लागू की जाएगी। बैठक में मौजूद रहे कुछ अफसरों की मानें तो शहर में ई-रिक्शा संचालन के लिए शहर में कुल 17 बनाए गए हैं। इनके संचालन की व्यवस्था जोन के हिसाब से ही होगी। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार को लेकर हुई मीटिंग में जिले भर में पंजीकृत ई-रिक्शा की संख्या 18 हजार बताई गई है। जबकि पूरे जनपद में करीब 35 हजार ई-रिक्शा के होने की बात सामने आई है। यदि इस बात को सच मान लिया जाय तो कहा जा सकता है कि जनपद में 17 हजार ई-रिक्शा बगैर रजिस्ट्रेशन के अवैध सड़कों पर दौड़ रहे हैं।

नियमों के उल्लंघन पर सख्त एक्शन

प्लान और निर्णय पर गौर करें तो सिटी के अंदर निर्धारित रूट पर केवल 750 ई-रिक्शा को ही चलने की इजाजत होगी। माना जा रहा है कि यह प्लान पूरी तरह से अमल में लगने वाले जाम में बड़ा चेंज दिखाई देगा। क्योंकि ई-रिक्शा का रूट क्लियर हो जाने के बाद एक सिस्टम से उनका संचालन होगा। फिर चालक ई-रिक्शा को पूरी रोड पर चकरी की तरह नहीं घुमा सकेंगे। बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने या कलर कोड रूट तोडऩे वालों पर पुलिस व ट्रैफिक पुलिस सख्त एक्शन लेगी। शहर के सिविल लाइंस, चौक, कटरा, बैंक रोड, दारागंज, अलोपीबाग, बैरहना, प्रयागराज जंक्शन गेट नंबर दो व तीन का चौराहा, जलकल विभाग के गेट के सामने सहित कई एरिया में लगने वाले जाम से निजात मिल जाएगी। हालांकि इस समस्या का हल तलाशने के लिए बुलाई गई मीटिंग में बनाए गए प्लान को लागू करने से पूर्व ट्रैफिक अफसर अभी बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं। कहा यह जा रहा कि दो से तीन दिन में प्लान की फाइल फाइनल हो जाएगी।

इस लिए भी है काफी जरूरी
शहर में ई-रिक्शा के संचालन पर कंट्रोल इसलिए भी जरूरत है कि अगले वर्ष महाकुंभ है। महाकुंभ में शहर की सड़कों पर वाहनों का प्रेशर बढ़ जाएगा।
ऐसी स्थिति में यदि चालक इसी बेअंदाज तरीके से ट्रैफिक नियमों को यह ई-रिक्शा चालक रौंदते रहेंगे तो उस वक्त लगने वाले जाम को संभाल पाना मुश्किल हो जाएगा।
दूसरी और अहम बात यह है कि यह ई-रिक्शा चालक अप्रशिक्षित होते हैं। ऐसे में वह फुटपाथ पर ही नहीं रोड और चौराहे पर आधा से एक घंटे तक खड़े रहते हैं।
प्रशिक्षण के अभाव और सवारियों की चाहत में थोड़ी सी जगह पाते ही चालक ई-रिक्शा का अगला हिस्सा किसी भी वाहन के सामने अड़ा देते हैं।
ऐसे में बेवजह जाम जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। इनकी इस मनमानी से लगने वाले जाम में लोगों का वक्त बेवजह बर्बाद होता है।
जाम में फंसे होने से कार, बाइक व बस आदि का जो तेल धुआं बनकर उड़ता है वह अलग, हद तो यह है कि एम्बुलेंस तक के आने पर भी ई रिक्शा चालक रास्ता देना गवारा नहीं समझते।

जानिए थानावार ई-रिक्शा का कलर कोड
थाना रंग
धूमनगंज भूरा
अतरसुइया आसमानी
मुट्ठीगंज आसमानी
कोतवाली लाल
शाहगंज लाल
कैंट लाल
कीडगंज बैगनी
दारागंज पीला
जार्जटाउन पीला
कर्नलगंज नीला
शिवकुटी सफेद

शहर में ट्रैफिक सिस्टम को स्मूथ बनाने के लिए ई-रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों संग मीटिंग की गई है। बनाए गए प्लान में पर बारीकी से मंथन किए जाने के बाद ही लागू किया जाएगा। फिलहाल प्लान यह बनाया गया है कि रूट डिसाइड करके थानावार रूट का कलर कोड बनाया जए। फिलहाल जो प्लान है उसमें अभी कुछ संशोधन भी हो सकते हैं।
शिवराम यादव, एडीसीपी ट्रैफिक