प्रयागराज (ब्यूरो)। बक्शी बांध आरओबी यूपी का पहला साउंड प्रूफ पुल है, जिसमें चलने वाले वाहनों की आवाज बाहर नही आती है। इससे पुल के आसपास घरों में रहने वालों के कानों में वाहनों का शोर नही पहुंचता है। लेकिन क्या पता है कि साउंड प्रूफ पुल का मैकेनिज्म कैसे काम करता है। आखिर ऐसा क्या तकनीक है जो इन पुलों की आवाज को वही दफन कर देता है। यह भी बता दें कि इस प्रयोग के सफल रहने के बाद प्रयागराज में बन रहे सभी आठ पुलों को भी साउंड प्रूफ बनाया जाएगा।
मटेरियल सोख लेता है आवाज
सेतु निगम के एक्सपट्र्स बताते हैं कि शहर में जितने पुल बने हैं उनमें दोनों ओर प्लास्टिक की शीट्स लगाई जाती हैं जो आवाज को रोक पाने में सक्षम नही होती हैं। जबकि बक्शी बांध में दिल्ली और मुंबई बने पुलों की तर्ज पर दोनों ओर 120 एमएम मोटी एलुमिनियम से बनी चादर लगाई गई हैं। इनमें अंदर की ओर होल है लेकिन बाहर की ओर कोई होल नही है। बीच में साउंड प्रूफ मटेरियल भरा गया है जो आवाज को सोख लेता है। यह तकनीक मेट्रो सिटीज मे एनएचएआई के बड़े प्रोजेक्ट्स में अपनाई जा रही है।
इस टेक्निक का यूज हुआ
एल्युमिनियम के बने इन साउंड बैरियर को पुल के दोनों तरफ 700-700 मीटर पर लगाया गया है।
इनकी लंबाई नौ मीटर और ऊंचाई डेढ़ मीटर रखी गई है।
इटली की एक संस्था द्वारा इन बैरियर को किया जाता है तैयार।
पुल के किनारों पर डेढ़ मीटर के सीमेंटेड क्रैश बैरियर बनाए गए हैं।
उनके ऊपर डेढ़ मीटर के ही साउंड बैरियर लगाए गए हैं।
साउंड बैरियर में बाहरी हिस्से के बीच में ग्लास वूल भरा होता है, जो कि ध्वनि को रोकने में सहायक है।
इस तकनीक से रोड की सीमा से बाहर 55 डेसिबल तक साउंड कम हो जाती है।
रोड की सीमा के बाहर आवाज 55 डेसिबल से कम हो जाती है, जो कि मानक अनुरूप होती है।
869.27 मीटर लंबे पुल के दोनों तरफ लगभग 700-700 मीटर पर साउंड बैरियर लगाए गए हैं।
कानों को राहत देंगे बनने वाले सभी पुल
इस प्रयोग के सफल रहने के बाद ध्वनि प्रदूषण से राहत देने के लिए महाकुंभ 2025 परियोजना के तहत जिले में बन रहे सभी रेलवे पुल व फ्लाईओवर में साउंड बैरियर लगाया जाएगा। करीब साढ़े आठ करोड़ की लागत से सात रेलवे पुल व अलोपीबाग फ्लाईओवर में इन साउंड बैरियर को लगाने की तैयारी है। टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है और निविदा में शामिल संस्थाओं का आंकलन भी कर लिया गया है। बता दें कि प्रत्येक रेलवे पुल में साउंड बैरियर लगाने की लागत तकरीबन एक करोड़ रुपये आ रही है। वहीं सूबेदारगंज बड़ा रेलवे पुल है, जिसमें ज्यादा बजट खर्च होने की संभावना है। इसी तरह अलोपीबाग फ्लाईओवर में भी सांउड बैरियर लगाने पर अधिक खर्च आने का अनुमान है।
दिल्ली और मुंंबई की तर्ज पर बक्शी बांध पुल को साउंड प्रूफ बनाया गया है और यह यूपी का पहला इस तरह का पुल है। यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा है। नए बन रहे पुलों को ऐसा ही डेवलप किया जा रहा है। इसके लिए टेंडर भी कर लिए गए हैं। इस सिस्टम से 55 डेसिबल तक ध्वनि को कम किया जा सकता है।
मनोज अग्रवाल
मुख्य परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम प्रयागराज