प्रयागराज (ब्यूरो)। रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को जबरदस्त लाभ पहुंच रहा है। वह जल्दी ठीक हो रहे हैं। इस विधि में रिस्क भी काफी कम है। यह कहना है एसजीपीजीआइ के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रो। (डा.) रजनीश ङ्क्षसह का। वह रविवार को एएमए कन्वेंशन सेंटर में आयोजित सर्जरी एसोसिएशन की सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी में बिना चीर फाड़ के जटिल आपरेशन किए जा रहे हैं। मरीजों को भी लाभ मिल रहा है। साथ ही डॉक्टरों को भी आसानी हो रही है।

पित्त की थैली के आपरेशन में कारगर

उन्होंने कहा कि पित्त की थैली के आपरेशन में यह सर्जरी बेहद कारगर है। कहा कि इस सर्जरी में रोबोट को दूर बैठा डॉक्टर कंट्रोल करता है। बिना चीर फाड़ शरीर में छोटे होल करके सफल आपरेशन किया जाता है। उन्होंने बताया कि एसजीपीजीआई में इस समय एक रोबोट मौजूद हैं जिससे रोबोटिक सर्जरी को अंजाम दिया जा रहा है। पांच डॉक्टर मिलकर अब तक 700 से अधिक सर्जरी कर चुके हैं। जल्द ही एसजीपीजीआई को नया रोबोट मिल सकता है।

दूरबीन विधि से निकल रहा ट््यूमर

केजीएमयू लखनऊ से आए डॉ। कुशाग्र गौरव ने दूरबीन विधि से एड्रिनल ग्रंथि के आपरेशन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह जटिल आपरेशन है लेकिन इसे दूरबीन विधि से अंजाम दिया जा रहा है। बताया कि किडनी के ऊपर एक छोटी सी एड्रिनल ग्रंथि होती है जिसे निकाल दिया जाता है। इसके अलावा जाली ग्रांट मेडिकल कालेज देहरादून से आईं वरिष्ठ सर्जन डा। अंशिका मित्तल अरोरा ने युवावस्था में स्तन कैंसर की प्राथमिक पहचान और आपरेशन पर अपना अध्ययन प्रस्तुत किया। उनके बाद लखनऊ से आए डा। अरशद अहमद ने दूरबीन विधि से जटिल फिस्टुला के आपरेशन की विधियां और बारीकियां बताईं। डा। हेमंत नौटियाल ने मोटापे के इलाज, केईएम हास्पिटल मुंबई के डा। समीर रेगे ने बड़ी आंत, मल और गुदा द्वार के कैंसर की शुरुआती अवस्था से लेकर अंतिम अवस्था तक का सफल इलाज दूरबीन विधि से बताया।

दो सौ से अधिक डॉक्टरों ने की शिरकत

दो दिन तक चलने वाली सेमिनार में देशभर से आए दो सौ से अधिक डॉक्टरों ने उपस्थिति दर्ज कराई। इस बीच मेदांता हास्पिटल से आए डा। आनंद प्रकाश ने पेट के कैंसर के इलाज के संबंध में अपना शोध प्रस्तुत किया। एमएलएन मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर शबी अहमद ने जूनियर डाक्टरों को इंडोलैब का प्रशिक्षण दिया। सेमिनार में डा। शार्दूल ङ्क्षसह, डा। वीके पांडेय, डा। मोहित जैन, डा। मयंक ङ्क्षसह, डा। राहुल ङ्क्षसह, डा। संतोष ङ्क्षसह, डा। अभिनव अग्रवाल भी उपस्थित रहे। इसके अलावा तमाम मेडिकल कॉलेजों से आए हुए जूनियर डॉक्टर्स ने अपने शोधपत्र, अनुसंधान पोस्टर प्रस्तुत किए। साथ ही वार्ड राउंड क्विज।