प्रयागराज (ब्यूरो)। विधानसभा चुनाव के होते ही पुलिस व पीएसी और आरपीएफ जवानों को प्रदेश के विभिन्न जिले में भेजा गया था। चुनाव ड्यूटी में जाने वाले जवानों को सरकारी वाहनों द्वारा भेजने का नियम है। जो वाहन जवानों को लेकर जाएगा वह वाहन जवानों के लौटने तक साथ रहता है। इसलिए रोडवेज की बसों को चुनाव ड्यूटी में भेजा जाता है। रोडवेज प्रशासन एक बस का एक दिन का किराया 24 हजार 81 रुपये चुनाव आयोग से लेता है। ऐसे में प्रयागराज क्षेत्र के नौ मंडलों से कुल 185 गई बसों से रोजाना चालीस लाख रुपये से अधिक की कमाई की। इसमें सर्वाधिक 80 बसें गई थी। मंडल प्रबंधक ने इन बसों का 13 करोड़ रुपये से अधिक का बिल बनाए है। यह बिल तीस दिनों का बनाया गया है। जो जल्द ही चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग इस बार रोडवेज मुख्यालय को चार सौ करोड़ रुपये से अधिक का अग्रिम भुगतान कर चुका है। चुनाव खत्म होने के बाद शेष किराया का भुगतान कर रहा है।
रोडवेज प्रबंधक को खर्च करना पड़ता है तीस फीसद
सूत्रों की माने तो चुनाव में गयी इन बसों पर रोडवेज प्रबंधन को तीस फीसद खर्च करना पड़ता है और 70 फीसद का लाभ होता है। वहीं चर्चा यह भी है कि बिल बनाकर भेजने के बाद कई महीने बिल पास होने में लग जाता है।
185 बसें प्रयागराज क्षेत्र के नौ मंडल से चुनाव में भेजी गई
80 बसें इसमें से गई थी सर्वाधिक
29 बसें अभी भी चुनावी डयूटी से नहीं है लौटी
13 करोड़ से अधिक का बिल भेजा जाएगा मुख्यालय
24081 रुपये एक दिन का एक बस के हिसाब से मिला है पैसा
अभी बिल बनाए जा रहे हैं। बिल बनाने के बाद मुख्यालय भेजा जाएगा। अभी 29 बसें चुनावी डयूटी के बाद से लौटकर नहीं आई है। जो बसें आ चुकी है। उनका बिल बनाया जा रहा है।
टीकेएस विसेन क्षेत्रीय प्रबंधक प्रयागराज