रिपेयर न होने के कारण कई बसें वर्कशॉप में खड़ी, दूसरी बसों से टायर व स्पेयर पार्ट्स निकालकर चला रहे काम
प्रयागराज परिवहन निगम की बसें इन दिनों जुगाड़ के भरोसे चल रही हैं। क्योंकि इनके पास स्पेयर पार्ट्स नहीं है। रिपेयर के लिए कई बसें महीनों से वर्कशॉप में खड़ी हैं। जो चल भी रहीं हैं वह दूसरों वाहनों के पार्ट्स निकालकर जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो निगम के पास बजट की कमी नहीं है। दिक्कत है तो इनके अधिकृत वेबसाइट व पोर्टल पर पार्ट्स का रजिस्ट्रेशन न होने से खरीदा नहीं जा सकता। दूसरी ओर मांग के अनुसार कंपनियां भी उतना सामान उपलब्ध नहीं करा पा रही हैं। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के रियलटी चेक में पता चला कि पार्ट्स ही नहीं बसें टायर के अभाव में पिछले छह माह से वर्कशॉप पर खड़ी हैं। इनमें एसी बसें भी शामिल हैं।
रियलटी चेक में आई हकीकत
टायर व टयूब खराब होने से कई बसें राजापुर स्थित डिपो में खड़ी हैं
जिन बसों में ब्रेक शू खराब हो गए हैं, दूसरे निकाल कर चलाया जा रहा काम
कई एसी बसें हजार बीस साइज का टायर खराब होने के चलते डिपो में खड़ी
- यहीं नहीं नब्बे बीस का टयूब तक खराब पड़ा है जिसके चलते दो एसी बसें खड़ी हैं
-कई रूट्स पर बसों का संचालन कम हो रहा है
इसका खामियाजा सवारियों को उठाना पड़ा रहा है।
610
बसें हैं प्रयागराज रीजन में
45
एसी बसें हैं रीजन में
50
बसें स्पेयर पार्ट्स नहीं मिलने से खड़ी हैं वर्कशॉप में
423
लगभग बसों का हो रहा संचालन
पार्ट्स न होने के कारण इस नंबर की खड़ी है बसें
- 9088
- 1408
- 8199
- 1536
- 0057
- 9637
- 0373
- 1178
- 6532
- 9971
- 8521
- 9758
नहीं मिल रहे 'हजार बीस' साइज के टायर
एसी बसें सिर्फ टायर न मिलने के चलते वार्कशॉप में कई महीनों से खड़ी हैं। इन बसों में लगने वाले 'हजार बीस' साइज के टायर का आर्डर मुख्यालय से किया गया है। लेकिन सामान नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर कंपनियां भी मंाग के अनुरूप बैटरी, टायर व अन्य स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध नहीं करा पा रही हैं। अधिकारियों की मानें तो होली के पहले से ही आर्डर पेडिंग में है।
कई बसें डिपो में पार्ट्स की कमियों के चलती खड़ी हैं। पार्ट्स ऑर्डर किया गया है। अभी तक मिला नहीं है। कुछ बसों के पार्ट्स एडजस्ट कर चालू हालत में किया जा रहा है।
राजेन्द्र प्रसाद - सी.फोरमैन
'हजार बीस का टायर' ऑर्डर किया गया है। मुख्यालय से अभी तक आया नहीं है। इस साइज के टायर सिर्फ एसी बसों में लगते हैं। जितनी टायर की जरूरत है। उतने टायर मिल नहीं पा रहा है। टयूब की भी कमी है।
मनोज कुमार, टायर निरीक्षक