प्रयागराज (ब्यूरो)। इस सीजन में उमस बढऩे से वायरल इंफेक्शन का खतरा अधिक बढ़ गया है। खासकर पीलिया के मरीज अधिक संख्या में अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इनमें साठ फीसदी बच्चे शामिल हैं। उमस के अलावा बीमारी के पीछे बाजार का खानपान और गंदे पानी का इस्तेमाल भी बड़ा कारण बना हुआ है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस सीजन में लोगों को सेहत का अधिक ख्याल रखना होगा। इम्युनिटी बूस्टिंग पर ध्यान देना जरूरी है।
ओपीडी में पहुंचे दर्जनों मरीज
इस सीजन में पीलिया यानी जाइंडिस के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होती है। दूषित खानपान की वजह से सबसे ज्यादा लोग संक्रमित होते हैं। इसका असर अस्पतालों की ओपीडी पर दिखने लगा है। बेली और काल्विन अस्पताल की ओपीडी में शुक्रवार को पीलिया के दो दर्जन से अधिक मरीज पहुंचे थे। चिल्ड्रेन अस्पताल में लगभग एक दर्जन बच्चों में पीलिया के लक्षण पाए गए। इनकी उम्र बारह साल से कम रही।
आंख, स्किन और पेशाब का रंग पीला हो जाना।
- तेज बुखार आना।
- पेट में दर्द और ऐठन।
- फ्लू के लक्षण होना
- रह रहकर ठंड का अहसास होना
झाड़ फूक से हो सकता है नुकसान
डॉक्टर्स का कहना है कि पीलिया के अधिकतर मरीज देरी से ओपीडी में पहुंचते हैं। कारण झाड़ फूक पर अधिक विश्वास करना है। इसकी वजह से रोग अधिक खतरनाक हो जाता है। मरीज मरणासन्न अवस्था में पहुंचने लगता है तब परिजन उसे लेकर अस्पताल आते हैं। इस कंडीशन में इलाज करना कठिन हो जाता है।
डैमेज हो सकता है लीवर
इतना ही नही, पीलिया के मरीजों में लीवर में इंफेक्शन का खतरा बढऩे लगता है। इससे हेपेटाइटिस के आसार भी बनने लगते हैं। एक बार लीवर डैमेज हो जाने से इलाज आसान नही रह जाता है। डॉक्टरों की माने तो शहरों के अपेक्षा ग्रामीण एरिया से आने वाले मरीजों में यह समस्या अधिक होती है। जागरुकता नही होने पर उनके लीवर में सीवियर इंफेक्शन की शिकायत पाई जाती है। ऐसी स्थिति में पीलिया जानलेवा साबित होता है।
स्वाद के चक्कर में न हों बीमार
बच्चों मं पीलिया के अधिकतर कारण बाजार का खानपान है। बारिश के सीजन में समोसा, पकौड़े, चाट, चाइनीज जंक फूड आदि के चक्कर में पड़कर वह बीमार पड़ रहे हैं। आइटम बनाने में सफाई का ध्यान नही रखने से पीलिया के चांसेज बढ़ जाते हैं। दूसरा सबसे बड़ा कारण उमस है। इस सीजन में उमस की वजह से वायरस और बैक्टीरिया अधिक पनपते हैं। जिससे पीलिया के आसार भी बढ़ जाते हैं।
संक्रमित होने पर क्या करें
- बेड रेस्ट
- गन्ने का रस
- मूली का जूस
- टमाटर का रस
- नींबू पानी, संतरा और ग्लूकोज का सेवन
क्या न करें
- तले और आयली फूड का सेवन
- घी, मक्खन, तेल और मलाई का सेवन
- ंिभंडी, अरबी, बैंगन और फूलगोभी का सब्जी
- तंबाकू व शराब का सेवन
इस सीजन में पीलिया का खतरा बढ़ रहा है। रोजाना ओपीडी में चार से पांच मरीज आते हैं। इनमें बच्चे अधिक होते हैं। बाजार के दूषित खानपान से बचना इस सीजन में अधिक जरूरी है। उमस में बैक्टीरिया और वायरस अधिक स्ट्रांग हो जाते हैं।
डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन
अभी पीलिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होना तय है। कारण सामने है। उमस अधिक है और वायरल इंफेक्शन बढता जा रहा है। दूसरे बारिश होती है तेा भी गंदे पानी का सेवन लोग अधिक करते हैं। जागरुकता की कमी की वजह से सीजनल बीमारियां पनप जाती हैं।
डॉ। एमके अखौरी, अधीक्षक, बेली अस्पताल