प्रयागराज (ब्यूरो)। पिछले चार-पांच दिनों से तापमान का जोर कम हो गया था। हल्की बारिश और आंधी के बाद मौसम खुशगवार हो चला था कि अचानक रविवार को मौसम ने पल्टी मार दी। अधिकतम तापमान 42 डिग्री रहा तो ह्यूमिडिटी टॉप पर पहुंच गई। इन दोनों के मेल के चलते लोग हांफने पर मजबूर हो गए। यही कारण रहा कि दोपहर बारह बजे के बाद से शाम 5 बजे तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग घर से बाहर नही निकले।
निकले तो घूमने लगा सिर
गर्मी में घर से बाहर निकलना आसान नही रहा। जो लोग बाहर निकले उनका ह्यूमिडिटी की वजह से सिर घूमने लगा। शरीर बेजान सा लगा। लगातार पसीना बहने से शरीर में पानी की कमी हो गई और कई लोगों उलझन और बेचैनी की शिकायत दर्ज कराई। बहुत से लोगों ने अपच और डिहाइड्रेशन को लेकर डॉक्टर के यहां दस्तक दी। डॉक्टर्स का कहना था कि ह्यूमिडिटी बढऩे से बॉडी का बैलेंस बिगडऩे लगता है। इसलिए जितना हो सके धूप में कम निकलें और लगातार पानी पीते रहें।
वापसी कर रहा है तापमान
चार दिन पहले तापमान 47 डिग्री से घटकर 36 डिग्री पहुुच गया था। तब लोगों ने राहत की सांस ली थी। आंधी और पानी की वजह से गर्मी का प्रकोप भी कम हो गया था। लेकिन फिर से तापमान बढऩे लगा है। रविवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री बताया गया। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस बार तापमान 46 डिग्री तक जाने की उम्मीद है इसलिए खुद को बचाकर रखना होगा। ऐसे में तेज गर्म हवाएं और धूल भरी आंधी भी चल सकती है। जिससे परेशानी हो सकती है।
उमस में कैसे रखें खुद का ख्याल
- खाने में हल्का भोजन लें।
- दिनभर में सात से आठ लीटर पानी पिएं।
- बाजार की बनी चीजों से दूरी बनाकर रखें।
- छोटे बच्चों को धूप के संपर्क में आने से बचाएं।
- घर से बाहर निकलें तो सिर को ढंककर रखें।
- हल्के और सूती कपड़े ही पहनें।
उमस का असर मौसम में दिखाई दिया है। लोगों को बदलते मौसम के साथ खुद को एडजस्ट करना होगा। धूप में जाने से बचें। ताजा और शुद्ध भोजन लें। साफ पानी पिएं। कोई दिक्कत होती है तो डॉक्टर की सलाह लें।
डॉ। मंसूर अहमद, फिजीशियन, बेली अस्पताल