प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रयागराज विकास प्राधिकरण यानी पीडीए के सचिव अजीत कुमार सिंह के सारे अधिकारी छिन गए हैं। उनके खिलाफ उपाध्यक्ष के जरिए बड़ी कार्रवाई की गई। उपाध्यक्ष के जरिए सचिव पर साजिश रचने व षडयंत्र करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं सचिव के खिलाफ उनके जरिए शासन को भी पत्र भेजा गया है। सचिव के पास मौजूद सारे अधिकारियों को उपाध्यक्ष ने अपने पास ले लिया है। अब विकास से जुड़ी सभी पत्रावलियों की उनके जरिए गहन जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही उन फाइलों को उपाध्यक्ष के जरिए स्वीकृति प्रदान की जाएगी। पीडीए सचिव के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से पूरे विभाग में दिन भर हड़कंप व चर्चा का विषय रहा।
वीसी के रुख से विभाग में हड़कंप
विभागीय सूत्र बताते हैं कि उपाध्यक्ष के जरिए की गई इस कार्रवाई के पीछे एक बड़ी वजह है। यदि इन बातों पर गौर करें तो मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकर एवं अन्य बना राजेश शर्मा व अन्य के मामले में पारित आदेश को सचिव पर दबाने का आरोप है। साथ ही इस मामले में उनके जरिए उचित कार्रवाई नहीं की गई। सूत्र बताते हैं कि सिविल अपील संख्या 5645 / 2015 मथुरा वृदावन विकास प्राधिकरण की ओर से मानचित्र पास कराने के दौरान लगने वाले उप विभाजन शुल्क, निरीक्षण शुल्क, लेबर शेष शुल्क को पूरी तरह से समाप्त करने का आदेश दिया गया। इस मामले में पीडीए सचिव को इसका आदेश जारी करना था। लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई आदेश जारी नहीं किया। अपने से यह आदेश जारी किए कि पीडीए उपाध्यक्ष के माध्यम से सभी आदेशजारी किए जाते हैं। इस लिए यह आदेश भी उन्हीं के अनुसार जारी किया जाएगा। इस बात की जानकारी पीडीए उपाध्यक्ष को कई दिनों बाद मालूम चली। मामले की गंभीरता को देखते हुए उपाध्यक्ष का पारा चढ़ गया। उन्होंने 19 दिसंबर को पीडीए सचिव के सभी अधिकार समाप्त करने का आदेश जारी किया। पीडीए दफ्तर और सिटी के अंदर सचिव के सभी अधिकारों को समाप्त करने की कानाफूसी विभाग में दिन भर होती रही। इतना ही नही, इस कार्रवाई की बाबत तमाम लोगों के भी चर्चाएं सुनने को मिलीं। इन चर्चाओं और कानाफूसी की बात को कंफर्म करने के लिए पीडीए उपाध्यक्ष व सचिव को भी फोन लगाया गया। मगर, मोबाइल पर बेल जाने के बावजूद उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।