प्रयागराज ब्यूरो । 2019 में आयोग ने जारी किया था आंशिक परिणाम

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस-22 का परिणाम 10 महीने में जारी करके रिकार्ड बनाया है, लेकिन आयोग में कई भर्तियों वर्षों से लंबित हैं। यहां पर संभागीय निरीक्षक (आरआइ) की भर्ती नौ वर्षों में भी पूरी नहीं हो पाई है। इसका आंशिक परिणाम चार वर्ष पहले जारी किया गया। उसके बाद से भर्ती का मामला कोर्ट में लंबित है और फैसला न आने के कारण बाकी पदों का चयन रुका हुआ है। वर्षों से भर्ती लंबित रहने से अभ्यर्थी परेशान हैं और कोर्ट से लेकर आयोग तक के चक्कर काट रहे हैं।

रोक लिये थे 13 पद के परिणाम

परिवहन विभाग में आरआइ के 79 पदों पर भर्ती के लिए यूपीपीएससी ने 2014 में विज्ञापन जारी किया था। इसकी लिखित परीक्षा 2015 में कराई गई। सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच 2017 में हुई। अप्रैल 2018 में प्रैक्टिकल हुआ। जनवरी 2019 में साक्षात्कार होने के तीन महीने बाद आंशिक परिणाम जारी किया गया। आयोग ने 79 पदों के सापेक्ष 66 पदों का परिणाम जारी किया और 13 पद रोक लिए। उस समय आयोग ने बताया था कि इस भर्ती के 19 अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में 11 याचिका दायर की है। 19 में से 13 अभ्यर्थी मेरिट में हैं, इसलिए कोर्ट से अंतिम फैसला आने के बाद इन पदों का परिणाम जारी किया जाएगा। अप्रैल 2022 में हाईकोर्ट से नौ याचिकाएं खारिज हो गईं। इसमें 14 अभ्यर्थी थे, उनकी मांग थी कि आरआइ पद के लिए डिप्लोमा के साथ बीटेक को भी अर्ह माना जाय। याचिका खारिज होने से यह अभ्यर्थी बाहर हो गए।

दो याचिकाएं हैं लंबित

अब दो याचिका लंबित है। इसमें से एक याचिका में चार अभ्यर्थी हैं। इन अभ्यर्थियों को आयोग ने 2017 में प्रमाणपत्रों की जांच के दौरान ओवरएज बताते हुए छांट दिया था। हालांकि यह लोग हाई कोर्ट गए तो प्रैक्टिकल और साक्षात्कार में शामिल किया गया। इसके अलावा एक याचिका में एक अभ्यर्थी है, जिसने जांच के लिए मांगे गए प्रमाणपत्र निर्धारित समय के बाद जमा किया था। उसे भी हाई कोर्ट से अंतरिम राहत दी गई थी लेकिन अंतिम फैसला आना बाकी है। फिलहाल दो याचिका का निस्तारण न होने से इस भर्ती के कई अभ्यर्थी चयन के आस में बैठे हैं। अभ्यर्थियों ने मामले का निस्तारण कर जल्द परिणाम की मांग की है।