प्रयागराज (ब्यूरो)। यह आह्वान मंगलवार को राजकीय मुद्रणालय में आयोजित संयुक्त राज्य स्तरीय कर्मचारी सम्मेलन में किया। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली पाप नहीं, कर्मचारियों का अधिकार है, जिसको केन्द्र एवं राज्य कर्मचारी लड़कर लेंगे।
सांसद-विधायक क्यों ले रहे पेंशन
उन्होंने सवाल किया कि अगर पुरानी पेंशन पाप है तो भाजपा के एमपी और एमएलए पुरानी पेंशन स्कीम के अनुसार पेंशन प्राप्त कर इस पाप को क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि बड़े पूंजीपतियों के लाखों करोड़ के कजऱ्े को माफ करना, कारपोरेट टैक्स 30 से घटाकर 22 प्रतिशत करना और गरीबों की खाने पीने की चीजों पर जीएसटी लगाना तथा सार्वजनिक क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपना पाप है, जिस पाप को सरकार तेजी से कर रही है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए पुरानी पेंशन बहाली को पाप बताने हुए राज्यों को ऐसा न करने की सलाह दी थी। जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। सम्मेलन में पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर 14 मार्च को संसद पर होने जा रहे धरने प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर शामिल होने और सभी जिलों व तहसील स्तर पर कर्मचारी सम्मेलन करने का भी फैसला लिया गया। सम्मेलन का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष बिजेंद्र प्रताप सिंह ने किया। किया। अध्यक्षता सुभाष चन्द्र पाण्डेय और कड़े दीन यादव ने किया। कमलेश मिश्रा, पुनीत त्रिपाठी, अशोक सिंह, एसपी सिंह, रूद्र प्रताप सिंह, नरेंद्र प्रताप सिंह, रवि मिश्रा, जवाहर लाल विश्वकर्मा, अनुग्रह नारायण सिंह व वीएन पांडेय आदि मौजूद थे।
दिल्ली में होगी कर्मचारी रैली
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने बताया कि जून महीने तक कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए सभी राज्यों, जनपद, ताल्लुक व खंडों में कर्मचारी सम्मेलन किए जाएंगे। इसके बाद जुलाई महीने में देश के चारों कोनों से केन्द्रीय व राज्य स्तरीय नेताओं के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी वाहन जत्थे चलाए जाएंगे। यह जत्थे रीच टू इच के नारे के साथ देश के सभी महानगरों, शहरों, कस्बों में कर्मचारियों के कार्य स्थलों पर सभाएं करते हुए 3 नवंबर को दिल्ली में पहुंचेंगे। दिल्ली में 3 नवंबर को विशाल कर्मचारी रैली की जाएगी।