ड्यूटी के साथ कोरोना को मात दे रहे हैं पुलिस के जवान

PRAYAGRAJ: मौत बनकर चारों तरफ फैले कोरोना के कदम को रोकने के लिए पुलिस दीवार बनकर खड़ी है। कई जवान एक साथ तीन जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। पब्लिक की हिफाजत के साथ खुद व अपने परिवार की सुरक्षा का दायित्व इनके कंधो पर है। कोरोना का सामना कर लोगों को बचाने में जुटे इन जवानों की दिनचर्या में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। कई जवान ऐसे हैं, जो खूबसूरती के साथ खुद व परिवार को सुरक्षित रखते हुए पब्लिक की सेफ्टी में दिन रात सड़कों पर जूझ रहे हैं। मौत के बीच यह सब कुछ वे कैसे कर पा रहे? इन सवालों को जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने पुलिस के कुछ जवानों से बात की। उनके जरिए जो बातें बताई गई, उसके मुताबिक निश्चित रूप से उनके संघर्ष एवं हौसले सराहनीय हैं।

आज सिर्फ ड्यूटी नहीं, फर्ज निभाने का भी वक्त

फर्ज निभाने में तकलीफें तो आती ही हैं। हमें हॉट स्पॉट पर भी ड्यूटी देनी है और चेकिंग भी करनी हैं। ऐसे में खुद की सुरक्षा के लिए हम डबल मास्क, सेनेटाइजर, गर्म पानी, नीबू आदि साथ रखते हैं। परिवार की सुरक्षा को देखते ही एक महीने से घर नहीं गए। ईश्वर की कृपा है कि मैं व परिवार सुरक्षित है।

बृजेश सिंह, प्रभारी निरीक्षक करेली

कोरोना कॉल में हम खुद की सुरक्षा के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। नियमित सुबह गर्म पानी व पौष्टिक नाश्ता करते हैं। इसके साथ मास्क व सेनेटाइजर और गर्म पानी वगैरह तो ड्यूटी में साथ रखते ही हैं। रात में लौट वर्दी धुलकर स्नान जरूर करते हैं।

अनुपम शर्मा, प्रभारी निरीक्षक धूमनगंज

ड्यूटी के वक्त खुद की सुरक्षा का ध्यान दिमाग में रखते हैं। यह बात हमेशा जेहन में रहती है कि मेरी सुरक्षा ही परिवार की सेफ्टी है। क्योंकि ड्यूटी में घर से बाहर तो मैं ही निकल रहा। इस लिए नीबू, गर्म पानी, सेनेटाइजर, मास्क का प्रयोग हम ड्यूटी में भी करते रहते हैं। कोशिश होती है कि लोगों के करीब कम जाऊं। रात में लौटकर स्नान के बाद ही भोजन करते हैं।

बीरेंद्र सिंह यादव, प्रभारी निरीक्षक खुल्दाबाद

कोरोना कॉल में कभी बगैर सेनेटाइजर व मास्क के नहीं निकला। यदि किसी को कहीं पकड़ा भी तो गाड़ी में बैठाने के बाद तत्काल हाथ अच्छी तरह से सेनेटाइज करते हैं। कोशिश होती है कि टीम का हर शख्स सुरक्षित रहे। ईश्वर की कृपा है कि सभी सेफ हैं। पुलिस विभाग में दिनचर्या का कोई मतलब नहीं होता। फिर भी प्रयास होता है कि एक्सरसाइज और खानपान पर ध्यान दें।

शैलेश सिंह, एसओजी प्रभारी सिटी

कोरोना को लेकर मेरे जेहन में कभी डर नहीं रहा। इतना जरूर है कि सुरक्षा के सारे उपाय में रखकर चलता हूं। यही वजह है कि ईश्वर की कृपा से आज तक सुरक्षित हूं। बीमारी है यह तो किसी को भी हो सकती है। मगर, लापरवाही से न होने पाए यह बात हमेशा ध्यान में रहती है। कोरोना से बचाव के सारे नियमों का पालन करते हैं।

मनोज सिंह, एसओजी प्रभारी गंगापार

इतना डरेंगे तो काम कैसे चलेगा। कोरोना है तो अफसरों व डॉक्टरों द्वारा बताए जा रहे नियमों व का पालन करता हूं और आज तक सुरक्षित हूं। हां, गर्म पानी सुबह शाम नीबू के साथ पीते हैं। होम्योपैथ की कुछ दवाएं हैं जिसको भी प्रति दिन नियमानुसार लेते रहते हैं। पुलिस के जवान ही डरकर बैठ जाएंगे तो पब्लिक की हिफाजत कैसे होगी।

मो। याकूब, कांस्टेबल एसओजी टीम

हमारा कर्तव्य लोगों को कोरोना से बचाना है। इस समय दिलो दिमाग में एक ही चीज चलती है कि नियमों का पालन कराना है। विपरीत परिस्थितियों में घर परिवार से दूर रहकर लोगों की सेवा करना है। रात को या दिन अचानक कभी भी दबिश के लिए टीम प्रभारी का फोन आ जाता है तो हम लोग हमेशा तत्पर रहते हैं।

पुष्पेंद्र सिंह, कांस्टेबल एसओजी टीम

कोरोना कॉल में पब्लिक की सुरक्षा के साथ खुद को सेफ रखने के लिए कई चीजों पर ध्यान देते हैं। कोशिश होती है कि सुबह उठकर व्यायाम करें। इसके बाद नीबू व गर्म पानी और भाप रोज लेते हैं। खाने पर भी विशेष ध्यान देते हैं। रात में स्नान व वर्दी को साफ करना रूटीन में आ गया है। इतना करने के बाद ही रात में सोते हैं।

कुलदीप तिवारी, प्रभारी निरीक्षक शंकरगढ़