प्रयागराज (ब्यूरो)। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 59.87 लाख पोधरोपण का लक्ष्य दिया गया था। इस बार इसे बढ़ाकर 70.96 लाख कर दिया गया है। सभी विभागों के कोटे में भी बढ़ोतरी की गई है। सबसे ज्यादा पौधे ग्राम विकास विभाग को लगाने होंगे। दूसरे नंबर पर वन विभाग का लक्ष्य है। अन्य विभागों को भी अपनी जमीनों पर पौधे लगाने होंगे। आइए जानते हैं कि किस विभाग को लगाने हैं कितने पौधे-
वन विभाग 2042082
पर्यावरण विभाग 266898
ग्राम विकास विभाग 2923200
राजस्व विभाग 233360
पंचायतीराज विभाग 332360
आवास विकास विभाग 6्र020
औद्योगिक विकास 4900
नगर विकास विभाग 137060
लोक निर्माण विभाग 10640
सिचाई विभाग 10640
कृषि विभाग 561980
पशुपालन विभाग 8260
सहकारिता विभाग 13300
उद्योग विभाग 7420
ऊर्जा विभाग 6580
माध्यमिक शिक्षा 6700
बेसिक शिक्षा 7140
प्राविधिक शिक्षा 7140
उच्च शिक्षा 27580
श्रम विभाग 1960
स्वास्थ्य विभाग 12600
परिवहन विभाग 1960
रेलवे विभाग 26180
रक्षा विभाग 5880
उद्यान विभाग 368408
गृह विभाग 7280
कुल लक्ष्य 7096088
पिछले वित्तीय वर्ष का कुल लक्ष्य- 5987514
हर साल उसी जमीन में लगते हैं पौधे
जिन विभागों को लक्ष्य मिला है उनके पास पहला चैलेंज है इनको लगाने के लिए जमीन खोजना। क्योंकि जमीन सीमित है और उसपर हर साल पौधे लगाए जाते हैं। इनमें से काफी खराब हो जाते हैं। जो जगह बचती है उसमें इसी तरह हर साल कुछ पौधे लगाए जाते हैं। शायद ही कोई विभाग हो जो अपने लक्ष्य का शत प्रतिशत पौधरोपण करता है। कुछ विभागों के अधिकारियों का कहना है कि पहले जमीन ढूंढेंगे फिर गड्ढे खुदवाएंगे। इसके बाद ही पौधे लगाए जाने हैं।
बिना देखभाल खराब हो जाते हैं पौधे
बताया जाता है कि हर साल लगने वाले कुल पौधेों का तीस प्रतिशत खराब हो जाते हैं। लेकिन असलियत कुछ और है। खराब होने वाले पौधों की संख्या दोगुने से अधिक होती है। विभागों के अधिकारियों ने बतायाकि पौधे तो लग जाते हैं लेकिन इनकी देखभाल नही हो पाती है। विभागों के पास माली भी मौजूद नही है। ऐसे में जो पौधे लगते हैं वह देखभाल के अभाव में खराब हो जाते हैं।
तीन साल बाद आती है रिपोर्ट
यह भी अजब व्यवस्था है कि पौधे गए रोपों की ग्राउंड रिपोर्ट तीन साल बाद मिलती है। तीन साल बाद यह बताया जाता है कि इन पौधों की क्या स्थिति है और यह पर्यावरण के लिए कितने सहायक साबित हुए हैं। ऐसे में अधिकारियों के पास भी पुख्ता रिपोर्ट नही होती कि रोपे गए लाखों पौधों का क्या हुआ है। यह भी बता दें कि हर साल हजारों पेड़ों को विकास के नाम पर काट दिया जाता है। अवैध कटाई से भी पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।
इस साल का लक्ष्य निर्धारित हो गया है। संबंधित विभागों को अपने संसाधनों में पौधे रोपित करना होता है। हमारा उददेश्य है कि अधिक से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाने में मददगार साबित हुआ जाए।
रमेश चंद्र, जिला वन अधिकारी, प्रयागराज