इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने एफीलिएटेड कॉलेजेज से मांगी डिटेल
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की तर्ज पर अब संघटक कालेजों के शोधार्थियों को भी फेलोशिप दी जाएगी। डीन कालेज एंड डेवलपमेंट की तरफ से इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। कालेजों के प्राचार्यो को पत्र भेजकर शोधार्थियों का ब्यौरा मांगा गया है।
हांगलू के समय मिली थी शोघ की अनुमति
वर्ष 2019 में इवि के तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने संघटक कालेजों को भी पीएचडी की मंजूरी दी थी। हालांकि, यहां के शोधार्थियों को फेलोशिप नहीं मिलती थी। जबकि, विश्वविद्यालय में शोधार्थी को प्रतिमाह आठ हजार रुपये फेलोशिप दी जाती है। कालेजों के शोधार्थियों को फेलोशिप देने की मांग पिछले दिनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ (आक्टा) ने उठाई थी।
सबको मिलना चाहिए समान अधिकार
आक्टा अध्यक्ष डाक्टर एसपी सिंह ने कहा था कि संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट) इवि ही आयोजित करता है। चाहे वह प्रवेश महाविद्यालयों में हों या विश्वविद्यालय में। इस लिहाज से यदि विश्वविद्यालय में शोधार्थी को प्रतिमाह आठ हजार रुपये फेलोशिप दी जाती है तो महाविद्यालयों में भी इसका लाभ मिलना चाहिए। तर्क दिया कि कम मेरिट का विद्यार्थी विश्वविद्यालय में प्रवेश पाकर फेलोशिप पाए और अधिक मेरिट का विद्यार्थी महाविद्यालय में प्रवेश पाकर इससे वंचित कैसे हो। इसी बीच डीन कालेज एंड डेवलपमेंट प्रोफेसर पंकज कुमार की तरफ से सभी कालेजों के प्राचार्यो से पूरा विवरण मांगा है। इसके बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को पत्र भेजकर ग्रांट की मांग की जाएगी।
सभी कालेजों के प्राचार्य को पत्र भेजकर विवरण मांगा गया है। इसके बाद यूजीसी से बजट मांगा जाएगा। बजट आवंटित होते ही कालेजों के शोधार्थियों को फेलोशिप दे दी जाएगी।
प्रोफेसर पंकज कुमार, डीन कालेज एंड डेवलपमेंट