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लोग हंडिया से जहरीली शराब मामले में भेजे गए जेल

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पहले दिन दर्ज रिपोर्ट के बाद ही हुए थे अरेस्ट

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लोगों को ताबड़तोड़ छापेमारी में किया गया था गिरफ्तार

मिलावट है मुकदमे का आधार, मृतकों की पीएम रिपोर्ट में अल्कोहल की नहीं हुई पुष्टि

सैम्पलिंग के लिए मिली हैं खेतों में फेंकी गयी शीशी में भरी शराब

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

पीने वाले अब इस दुनिया में नहीं हैं। कई का तो पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया था। जिनकी बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ, उसमें अल्कोहल की पुष्टि नहीं हुई है। एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत की जिम्मेदारी अब मिलावट पर टिकी हुई है। मिलावट शराब में हुई थी या नहीं? इसकी पुष्टि होगी तभी इस कांड के आरोपितों को जेल की सलाखों के पीछे ज्यादा दिन तक रोका जा सकेगा। मिलावट की पुष्टि होने से ही मृतकों के परिवारवालों को न्याय मिल सकेगा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस मामले में दर्ज की गयी रिपोर्ट और उसमें लगायी गयी धाराओं का पोस्टमार्टम किया जो ऐसा ही संकेत मिला। वैसे इंवेस्टिगेशन कर रही पुलिस टीम को भरोसा है कि रिपोर्ट में मिलावट जरूर आयेगी।

फूलपुर के सैंपल में नहीं साबित हुई मिलावट

हंडिया कांड से पहले फूलपुर एरिया में शराब पीने से मौतों का मामला सामने आया था।

इसके बाद आबकारी विभाग की ओर से लिये गये शराब की सैंपल की रिपोर्ट में एल्कोहल की पुष्टि हुई। लेकिन, मिलावट की पुष्टि नहीं हुई।

हंडिया शराब कांड के बाद 18 ऐसे लोग हैं जिन्हें शराब के साथ गिरफ्तार कर पुलिस द्वारा जेल भेजा गया। दावा है कि इनसे मिली शराब के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

अब यदि इस शराब के सैंपल में भी फूलपुर की तरह अल्कोहल की रिपोर्ट आई तो आरोपितों का बरी होना तय है

क्योंकि जब शराब में मिलावट की बात साबित ही नहीं होगी तो इन पर लगाई गई धारा 272 आईपीसी में प्रदत्त सजा के प्राविधान बलहीन हो जाएंगे।

रही बात धारा 60 एक्साइज एक्ट की तो जुर्माना अदाकर आरोपित कोर्ट से बरी हो जाएंगे।

क्योंकि इन सभी 18 आरोपितों पर 60 एक्साइज एक्ट व 272 आईपीसी धारा ही लगाई गई है।

यदि ऐसा हुआ तो हंडिया कांड के बाद पुलिस द्वारा की गई मेहनत पर पानी फिर सकता है।

किस धारा में क्या सजा

धारा सजा

272 आईपीसी आजीवन कारावास तक

60 एक्साइज एक्ट जुर्माना

63 एक्साइज एक्ट तीन साल तककी सजा

328 आईपीसी दस साल तक की सजा

किस धारा का क्या है मतलब

धारा 272 आईपीसी, विक्रय के आशय से ऐसा पेय मिश्रणकर बोतल में भरना व देना जिससे किसी को क्षति पहुंचे

धारा 60 एक्साइज एक्ट, किसी व्यक्ति द्वारा अवैध शराब बेचने के आशय से स्टोर करना या रखना

धारा 63 एक्साइज एक्ट, शराब बनाने के लिए सड़ाए गए फल या महुआ और भट्टी का बरामद होना

धारा 328 आईपीसी, कोई ऐसा पदार्थ मिलाकर किसी को क्षति पहुंचाने के आशय से औषधि/शराब देना

16 मार्च को लिखा गया था पहला मुकदमा

हंडिया में 15 लोगों की हुई मौत के बाद 16 मार्च को पहला मुकदमा मन्ने लाल भारतीया पुत्र छोटे लाल भारतीया निवासी बींदा की तहरीर पर दर्ज किया गया था। उसकी तहरीर पर पुलिस ने विमलेश देवी पत्‍‌नी राजेश खन्ना निवासी बींदा, संजय जायसवाल, दिलीप पटेल, विनोद भारतीया पता अज्ञात व एक अन्य के विरुद्ध मुकदमा लिखा गया था। इन सभी पर आरोप हैं कि 14 मार्च की रात आठ बजे वे और गांव के बच्चे कनौजिया के साथ विमलेश देवी हंडिया घर से शराब का पौवा लेकर पिए थे। इसके बाद उसे चक्कर आने लगा और बच्चे काफी बीमार पड़ गया। इन सभी पर उत्तर प्रदेश उत्पाद शुक्ल/आबकारी अधिनियम की धारा 60, त्तर प्रदेश उत्पाद शुक्ल/आबकारी अधिनियम की धारा 63, भा.दं.सं। 1860 धारा 328 व भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1860 की धारा 272 लगाई गई है।

शराब के तीन सैंपल की आई रिपोर्ट

हंडिया शराब कांड के तुरंत बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से मिली शराब के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। जिला आबकारी अधिकारी के मुताबिक शराब के तीन सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इसमें एक सैंपल में 33, दूसरे में 20 और तीसरे सैंपल में 14 प्रतिशत अल्कोहल की मात्रा पाई गई है। यह मात्रा मानक से अधिक नहीं है।

हंडिया शराब कांड में लिखे गए पहले मुकदमे में कुल दस लोग जेल भेजे गए हैं। शेष 18 लोगों को घटना के बाद की गई चेकिंग में गिरफ्तार किया गया है। शराब की सैंपल जांच के लिए भेजी गई है। रिपोर्ट में मिलावट की बात साबित होगी, क्योंकि यह सभी मिलावट कर शराब बनाते हैं।

संतोष कुमार सिंह

सीओ इंडिया

पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मुकदमों में लगाई गई धारा के मुताबिक आरोप भी साबित करने होंगे। यदि शराब में मिलावट की बात साबित नहीं होती तो सजा के प्राविधान पर असर पड़ेगा। जिसका लाभ सीधे आरोपितों को मिलेगा।

गुलाबचंद्र अग्रहरि

जिला शासकीय अधिवक्ता अपराध