प्रयागराज ब्यूरो । ज्ञापन देने गए रेलवे कर्मचारी नेताओं के साथ अभद्रता करना एडीआरएम झांसी को महंगा पड़ गया। कर्मचारी नेताओं ने अभद्रता की शिकायत रेलवे बोर्ड से कर दी। जिस पर रेलवे बोर्ड ने एडीआरएम झांसी को हटा दिया है। रेलवे बोर्ड की कार्रवाई से उत्तर मध्य रेलवे में हड़कंप मच गया है। यह अपनी तरह का पहला वाक्या है, जब कर्मचारी नेताओं की शिकायत पर रेलवे के बड़े अफसर के खिलाफ कार्रवाई हुई है। रेलवे कर्मचारी नेताओं ने इसे अपनी जीत बताया है।

ये है मामला

कुछ रोज पहले सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ एवं भारतीय रेल मजदूर संघ के आवाहन पर उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ ने मंडल रेल प्रबंधक झांसी मंडल को प्रदर्शन के उपरांत ज्ञापन देने की सूचना दी। तय कार्यक्रम के अनुसार रेलवे के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। इसके बाद वह मंडल रेल प्रबंधक झांसी को ज्ञापन देने पहुंचे। इस पर मंडल रेल प्रबंधक झांसी ने व्यस्तता बताते हुए कर्मचारी नेताओं को एडीआरएम विवेक मिश्रा को ज्ञापन देने के लिए कहा।

एडीआरएम पर अभद्रता का आरोप

इस पर कर्मचारी नेता एडीआरएम विवेक मिश्रा के पास पहुंचे। चैंबर से बाहर आकर एडीआरएम ने कर्मचारी नेताओं से उनका परिचर पूछा। इस पर कर्मचारी नेताओं ने बताया कि वह भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता हैं। आरोप है कि इस पर एडीआरएम ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ मान्यता प्राप्त नहीं है। यदि आप एनसीआरईएस, एनएफआईआर या एनसीआरएमयू या एआईआरएफ से हों तभी आपका ज्ञापन लेंगे। इसके बाद विवाद बढ़ गया। मामले की शिकायत वरिष्ठ कर्मचारी नेताओं ने रेलवे बोर्ड से की। जिस पर रेलवे बोर्ड के अफसर दिवाकर डी रुदौला की तरफ से एक पत्र जारी किया गया। जिसमें एडीआरएम विवेक मिश्रा को उनके पद से हटा दिया गया है।

भारतीय मजदूर संघ के प्रतिष्ठित संगठन है। जिससे हजारों रेलवे कर्मचारी जुड़े हुए हैं। कर्मचारी नेताओं के साथ एडीआरएम का व्यवहार आपत्तिजनक था। जिसकी शिकायत रेलवे बोर्ड से की गई थी। रेलवे बोर्ड ने एडीआरएम को उनके पद से हटा दिया है।

रुपम पांडेय, संयुक्त महामंत्री, उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ