- कोरोना की दूसरी वेव आते ही शुरू हो गई आयुर्वेदिक मेडिसिन की डिमांड
- होम्योपैथिक दवाओं के लिए भी लोग पहुंचने लगे क्लीनिक
पिछले साल आयुर्वेदिक दवाओं के इलाज ने कोरोना से निपटने में खासी मदद की थी। नवंबर में कोरोना हल्का पड़ा तो लोग काढ़ा और गिलोय को लगभग भूल गए, लेकिन इस साल होली पर पुन: कोरोना के दस्तक देते ही लोगों को फिर से आयुर्वेदिक दवाओं की लोगों को याद आने लगी है। लोग वैद्य और डॉक्टर्स से दवाओं और डोज के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। यही हाल होम्योपैथिक दवाओं के साथ भी है।
सदाबहार काढ़े से दूर होगा कोरोना
लास्ट ईयर कोरोना के इलाज में आयुर्वेदिक काढ़े का जबरदस्त रोल था। लोगों ने मार्च से लेकर नवंबर तक काढ़े का जमकर उपयोग किया। इसके बाद लोगों ने इससे लगभग दूरी बना ली। लेकिन कोरोना आते ही फिर से लोग इसकी रेमेडी ढूंढने लगे हैं। उन्होंने अपने वैद्य से काढ़ा बनाने की विधि सीखनी शुरू कर दी है। मार्केट में तमाम कंपनियों के रेडिमेड काढ़े की डिमांड होने लगी है।
कैसे बनता है काढ़ा
- एक लीटर पानी में तुलसी के पत्ते को उबाल लें। जब तक पानी एक चौथाई न हो जाए।
- पानी में 4 से 6 दाने काली मिर्च, गुड़, मुनक्का और नींबू का रस डालकर तैयार करें।
- इस काढ़े का जरूरत के अनुसार सेवन किया जा सकता है।
गिलोय और अश्वगंधा भी टॉप पर
इसके अलावा कोरोना से बचाव में लोगों ने इम्युनिटी को बूस्ट अप करना शुरू कर दिया है। इसके लिए उन्होंने अपनी डेली डाइट में गिलोय, अश्वगंधा और दूध में हल्दी का सेवन करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि इससे बॉडी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। हालांकि डॉक्टर्स का कहनाह कि गर्मी के मौसम में इनका बहुत अधिक सेवन घातक हो सकता है। इसलिए डॉक्टर्स की राय जरूर लें।
आर्सेनिक एल्बम 30 लेने लगे लोग
इसी तरह होम्योपैथिक औषधियों पर विश्वास करने वालों की भी संख्या काफी अधिक है। उन्होंने इम्युनिटी पावर को बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक की दवाओं आर्सेनिक एल्बम 30, जेलसिनियम, इन्फ्लूएंजा, कैम्फर और ब्राइनिया लेना शुरू कर दिया है। अलग अलग कंपनियों की ओर से विभिन्न नामों से इन दवाओं की बाजार में बिक्री की जा रही है। डॉक्टर्स की सलाह से इन दवाओं का सेवन करना ही बेहतर है।
हॉस्पिटल्स में कोरोना मरीजों के इलाज में एलोपैथी के साथ आयुर्वेदिक दवाओं का भरपूर उपयोग किया जाता है। आम जीवन में भी पब्लिक आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल कर रही है। कोरोना से बचाव के लिए लोग फोन करके दवाओ की जानकारी ले रहे हैं। उनको उचित सलाह के साथ दवाएं लेने की अपील की जा रही है।
डॉ। एके राय, अध्यक्ष, नीमा प्रयागराज
होम्योपैथिक दवाओं का सेवन भी पिछले साल लोगों ने कोरोना काल में किया था। इस बार भी यह दवाएं लोगों की लिस्ट में शामिल हैं। सबसे ज्यादा आर्सेनिक एल्बम 30 लोग यूज कर रहे हैं। लेकिन इसकी डोज निश्चित होती है जिसकी जानकारी डॉक्टर्स से प्राप्त करनी चाहिए।
डॉ। डीके मिश्रा, होम्योपैथिक फिजीशियन