प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर के निरंजन डॉट पुल से उत्पन्न सौ दिनों की समस्या झेलने के बाद ट्रैक पर लाखों यात्रियों के लिए राहत भरी ट्रेन रन करेगी। बारिश में शहर के लोगों को ब्रिज के नीचे जल भराव की समस्या से जो छुटकारा मिलेगा, वह अलग। मौजूदा समय में इस पुल के ऊपर पांच ट्रैक पर पर ट्रेन दौड़ रही है। चल रहा निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दो और ट्रैक बन जाएंगे। इन दोनों नए ट्रैक को प्रयागराज रेलवे स्टेशन से झूंसी तक बिछाया जाएगा। वाराणसी से झूंसी तक ट्रैक बिछाने का काम पहले से पूरा हो चुका है। इसी झूंसी तक बिछाए गए ट्रैक में निरंजन डॉट पुल के दोनों नए ट्रैक को जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद इस रूट से लखनऊ, वाराणसी व फैजाबाद सहित अन्य जिलों को जाने वाले ट्रेन यात्रियों की बड़ी समस्या समाप्त हो जागी। इतना ही नहीं, डॉट पुल के नीचे से पैदल चलने वाले शहरियों के लिए फुटपाथ भी बनाए जाएंगे। इस तरह निरंजन पुल ट्रेन के ट्रैक की संख्या पांच से बढ़कर सात हो जाएगी।
12.7 मीटर बढ़ाई जाएगी पुल की चौड़ाई
02 रेल ट्रैक बिछने से संख्या हो जाएगी सात
05 रेल ट्रैक पहले से हैं
01 अतिरिक्त रेल लाइन भी बिछाई जाएगी
सड़क का नहीं होगा चौड़ीकरण
निरंजन ब्रिज के नीचे से चौक की तरफ जाने वाली रोड की चौड़ाई उतनी ही रहेगी जितना की प्रजेंट टाइम पर है। बदलाव सिर्फ इतना होगा कि नया ट्रैक बिछाने के लिए बिजली घर साइड पुल के स्लेप को 12 मीटर बढ़ाकर चौड़ा कर दिया जाएगा। बढ़ाए गए इसी ट्रैक पर दोनों नए ट्रैक को बिछाए का काम किया जाएगा। इस दो के अलावा भविष्य में एक और ट्रैक बिछाने की जगह भी तैयार करके विभाग छोड़ देगा। ताकि जरूरत पडऩे पर फिर से पुल को बंद करने की जरूरत नहीं पड़े। निरंजन पुल के नीचे से आवागमन पूरी तरह बंद करके निर्माण करा रहे रेलवे के अफसरों द्वारा शुक्रवार को पूरे कार्यों को सार्वजनिक किया गया।
यार्ड रिमाडेलिंग योजना का पार्ट
रेलवे एडीआरएमजी संख्य सिंह ने कहा कि यह काम यार्ड रिमाडरिंग योजना का एक छोटा सा पार्ट है। इसी योजना के तहत निरंजन डॉट पुल के विस्तारीकरण का कार्य कराया जा रहा है। इस काम में करीब एक करोड़ के खर्च का अनुमान है। ट्रैक बिछाने के लिए पुल के स्लेप की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। इसके लिए तीन नए पिलर बनाए जाएंगे। इस पिलर पर कुल 20 से 21 स्लैब डालें जाएंगे। इसी स्लैब के ऊपर से ट्रेन के लिए ट्रैक का निर्माण किया जाएगा।
तीन मीटर की होगा खोदाई
डिप्टी सीईसी गजेस्त तापडिय़ा की मानें तो तीनों पिलर को बनाने के लिए जमीन के नीचे तीन मीटर तक की खोदाई की जाएगी। सड़क से तीन मीटर जमीन के अंदर से पिलर का निर्माण कराया जाएगा। सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय व रेलवे कंस्ट्रक्शन एक्सईएन मनीष श्रीवास्तव ने तीन महीने तक निरंजन डॉट पुल के नीचे से ट्रैफिक बंद करने के कारण का खुलासा किया। बताया कि पिलर के लिए खुदाई के वक्त पब्लिक की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की मदद से ट्रैफिक पर रोक लगाई गई है। जिस तरह से प्रशासनिक सपोर्ट मिल रहा उसे लेकर कहा कि काम निर्धारित समय से पहले भी पूरा हो सकता है। यह काम आगामी कुंभ मेला को देखते हुए कराया जा रहा है। पुल के नीचे बारिश में जल भराव नहीं हो इसके लिए नालियां और बेहतर बनाकर उसके ऊपर फुटपाथ बनाया जाएगा। ताकि पुल के नीचे से पैदल यात्री आराम से आ जा सकें।
रेलवे कई विभागों को दे चुका है बजट
अधिकारियों की मानें तो निरंजन डॉट पुल से होकर नगर निगम की नालियां व जलकल की पाइप और बिजली विभाग की केबिल बिछाई गई है। इन विभागों को रेलवे अपनी व्यवस्था करने के लिए पैसा ट्रांसफर कर दिया है। इस पैसे से नगर निगम जल निकासी तो जलकल की व्यवस्था करनी है। दोनों विभाग तेजी के साथ काम कर रहे हैं। यूपीसीएल अभी अपनी केबल को नहीं हटा सका है। विभागीय से आश्वासन मिला है कि जल्द ही केबल हटा दी जाएगी। चूंकि केबल में करंट दौड़ रहा है इस लिए उसे टच करने पर खतरा हो सकता है। मोहल्लों की सप्लाई बाधित होगी वह अलग।
पब्लिक के नुकसान की कौन करेगा भरपाई
निरंजन डॉट पुल से आवागमन बंद होने के कारण तमाम व्यापारियों का धंधा ठप पड़ गया है। तीन महीने इस बंदी के बावजूद उन्हें हाउस टैक्स व बिजली का बिल और वाटर टैक्स देने ही होंगे। पब्लिक को इन टैक्स से छुटकारा दिलाने के सवाल पर अधिकारी कन्नी काटने लगे। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने रेलवे अधिकारियों से पूछा कि जब नगर निगम, जलकल व विजली विभाग को रेलवे बजट दे सकता है तो तीन महीने तक व्यापारियों के दुकान का कर व बिजली का बिल क्यों नहीं देगा? इस सवाल पर अधिकारियों ने कहा कि अभी ऐसा कोई बजट नहीं है। इस तरह के प्रशासनिक मद होते तो लोगों को उसकी सुविधा दी जाती। अफसरों ने कहा कि इस बारे में वे अपने शीर्ष अफसरों से बात जरूर करेंगे।