जानकारी के अभाव में सर्टिफिकेट लेकर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए भटक रहे लोग
प्रमाण पत्र की डिटेल साइट पर अपलोड करना है अस्पताल की जिम्मेदारी
जानकारी के अभाव में सीएमओ ऑफिस से लेकर एसआरएन अस्पताल का चक्कर लगा रही है पब्लिक
किसी भी सरकारी अस्पताल से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र पूरे देश में वैलिड है। कोई अथॉरिटी इसकी वैलिडिटी को चैलेंज नहीं कर सकती। यहां तक कि अस्पताल से सर्टिफिकेट जारी होने पर नगर निगम, नगर पंचायत, नगर पालिका या फिर तहसील से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कराने की जरूरत नहीं है। नगर निगम में तो इसे रजिस्टर्ड कराया भी नहीं जा सकता। मौत की डिटेल पोर्टल पर अपडेट करना अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसका सिर्फ इतना फायदा है कि सर्टिफिकेट को आनलाइन कभी भी डाउनलोड किया जा सकता है। अन्यथा की स्थिति में फिजिकल कापी ही पेश करनी होगी।
कोरोना काल में परेशान हो उठे हैं लोग
कोरोना काल में बड़ी संख्या में मौते हुई हैं। ज्यादातर मौतें सरकारी अस्पताल में हुई हैं। नियमानुसार अस्पताल की तरफ से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी भी कर दिया गया है। इसके बाद भी तमाम लोग एसआरएन से लेकर सीएमओ ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं। यह शिकायत मिलने के बाद दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने फैक्ट चेक करने का फैसला लिया। इस पर रिपोर्टर ने नगर निगम के पर्यावरण अभियंता और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के प्रभारी अधिकारी उत्तम वर्मा से बात की। श्री वर्मा ने बताया कि जिनके पास प्रमाण पत्र है (भले वह फॉर्मेट पर हाथ से भरकर तैयार किया गया हो) वह कहीं पर भी वैलिड है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि इस प्रमाण पत्र के जारी होने के बाद नगर निगम में इसका रजिस्ट्रेशन हो ही नहीं सकता।
फिर भी परेशान हैं लोग
सरकारी अस्पताल में मौत होने पर वहीं का प्रमाण पत्र वैलिड है, तब क्यों पब्लिक परेशान है? इस सवाल के जवाब में बताया गया कि यह जानकारी के अभाव में है। प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत होने पर इसका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसके लिए जोनल ऑफिस में फॉर्म भरा जाता है। इसका वेरीफिकेशन कराया जाता है और फिर आनलाइन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसके लिए 30 दिन के भीतर आवेदन किया जाना अनिवार्य है। जो लोग इस दौरान आवेदन नहीं कर पाए, उन्हें सीएमओ ऑफिस से परमिशन की जरूरत होती है।
कैसे बनता है ऑनलाइन सर्टिफिकेट
प्राइवेट अस्पताल से जारी सर्टिफिकेट की फोटो कापी, मरने वाले का पूरा नाम और पता, जो अप्लाई कर रहा है उससे संबंध, प्रार्थी और मरने वाले का फोटोयुक्त पहचान पत्र के साथ संबंधित अथॉरिटी को आवेदन करना होता है
21 दिन से लेकर एक वर्ष लेट होने पर डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सीएमओ आफिस से अनुमति लेनी होती है।
वहां से वेरिफाई किया जाता है कि अप्लाई करने वाला जेनुइन है या फर्जी।
20 दिन के भीतर ऑनलाइन डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है।
एक साल से अधिक समय बीत जाता है तो तहसील से भी वेरीफाई कराना पड़ सकता है।
सरकारी अस्पताल से फिजिकल जारी प्रमाण पत्र को आनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अस्पताल की जिम्मेदारी है
कब पड़ती है ऑनलाइन डेथ सर्टिफिकेट की आवश्यकता
उन लोगों के लिए ज्यादा परेशानी हो रही है जो विदेश में है और उनके परिवार के सदस्य की मौत यहां पर हो गई है।
दूसरे केस में विदेश से यहां आने के बाद उनकी जान चली गई हो।
विभिन्न प्रकार की पालिसी
कुछ बैंक भी डाक्यूमेंट में ऑनलाइन डेथ सर्टिफिकेट को ही मान्य मानते हैं
कोविड के तहत दी जाने वाली सहायता राशि में भी ऑनलाइन डेथ सर्टिफिकेट की आवश्यकता पड़ती है।
घर पर मौत की प्रक्रिया अलग
नगर निगम की सीमा में रहने वाले ऐसे लोग जिनकी मौत कोरोना से होम आइसोलेशन के दौरान हो गई है, उसका प्रमाण पत्र नगर निगम की ओर से जारी किया जाता है। इसके लिए जरूरी है कि मरने वाले की पॉजिटिव रिपोर्ट हो।
626
लोग कर चुके हैं एसआरएन में डेथ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन
450
को डेथ सर्टिफिकेट जारी कर चुका है अस्पताल प्रशासन
30
दिन के भीतर सर्टिफिकेट के लिए आवेदन पर नहीं होती कोई परेशानी
31
दिन आवेदन करने पर सीएमओ के यहां से जारी होती है परमिशन
हमारे यहां एक से दो दिन में डेथ सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है। जो लोग लेट हो जाते हैं उनसे सीएमओ आफिस से परमिशन लाने को कहा जाता है। यह नियम का एक हिस्सा है और इसी के आधार पर लोगों की अप्लीकेशन पर कार्रवाई की जा रही है।
डॉ। एसपी सिंह
प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज
कोविड की वजह से एसआरएन में किसी की भी मौत हुई है, तो उसका ऑनलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से जारी किया जायेगा। यदि किसी को प्रमाण पत्र बनवाने में समस्या आ रही है तो नगर निगम अपनी ओर से सहयोग अवश्य करेगा।
अभिलाषा गुप्ता
मेयर, प्रयागराज
नगर सीमा के निवासी की यदि कोविड से घर में मौत होती है तो उसका प्रमाणपत्र नगर निगम जारी करता है। मौत किसी सरकारी अस्पताल या एसआरएन अस्पताल में हुई है। तो मृत्यु प्रमाणपत्र वहीं से जारी किया जाएगा। नगर निगम को इस सर्टिफिकेट के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं है।
उत्तम वर्मा
पर्यावरण अभियंता, नगर निगम