प्रयागराज (ब्यूरो)। दरअसल, शासन ने खाद्य व्यापारियों के लिए दो तरह की व्यवस्था की है। इनका रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसीकरण किया जाता है। रजिस्ट्रेशन की फीस सौ रुपए है और यह उनका होता है जिनका सालाना टर्नओवर 12 लाख से कम होता है। वहीं लाइसेंस उन खाद्य व्यापारियों का बनाया जाता है जिनका सालाना टर्न ओवर 12 लाख से अधिक होता है इसकी फीस 2000 और 3000 हजार है। बावजूद इसके दलाल रजिस्ट्रेशन को लाइसेंस का नाम देकर तीन हजार रुपए तक वसूल रहे हैं।

ऑनलाइन के नाम से भागते हैं व्यापारीसबसे अहम यह है कि शासन ने रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन कर रखी है। फासकास पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यापारी सीधे अपने डाक्यूमेंट सबमिट कर ऑनलाइन पंजीकरण करा सकता है। लेकिन जागरुकता के अभाव में खाद्य व्यापारी ऑनलाइन के नाम से भागते हैं और इसका फायदा दलाल उठा रहे हैं। कुछ व्यापारियों ने कॉमन सर्विस सेंटर्स पर भी अधिक पैसा वसूलने की बात कही है।

शासन ने दोगुना लक्ष्य दिया

बावजूद इसके जिले में रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की संख्या काफी कम है। वर्तमान में 1773 फूड लाइसेंस हैं और 15000 के आसपास रजिस्ट्रेशन हैं। शासन का कहना है कि एक साल के भीतर इनकी संख्या दोगुनी की जाए। जिससे लोगों को सुरक्षित खाद्य पदार्थ मुहैया हों और खाद्य व्यापारी भी कानून की नजर में रहें। सभी फूड इंस्पेक्टर्स को इस निर्देश का कड़ाई से पालन के निर्देश दिए गए हैं।

यहां भी विभाग को लगा रहे चूना

इसी तरह बड़े पैमाने पर भी खाद्य सुरक्षा विभाग को चूना लगाया जा रहा है। दलालों की मदद से बहुत से ऐसे खाद्य व्यापारी जिनका सालाना टर्न ओवर 12 लाख से अधिक है वह भी लाइसेंस के बजाय रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। इससे उनका पैसा बचा है साथ ही वह इनकम टैक्स, सेल टैक्स जैसे विभागों की नजर से बचे हुए हंै। विभाग फिलहाल ऐसे व्यापारियों को भी पकडऩे में नाकाम साबित हो रहा है।

ऐसी शिकायतें मिलती रहती हैं। मेरी व्यापारियों से अपील है कि वह सीधे विभाग में आकर संपर्क करें। उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है। फासकास पोर्टल पर वह सीधे अप्लाई कर सकते हैं। अगर कोई दलाल आता है तो उसकी शिकायत यहां दर्ज कराएं।

ममता चौधरी, सहायक आयुक्त 2, खाद्य सुरक्षा विभाग प्रयागराज