प्रयागराज (ब्यूरो)। पोस्टमार्टम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि रेप की पुष्टि के लिए महिला युवती व मासूम के स्वाब को भी सुरक्षित किया गया है। हालांकि जब भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर रेप की पुष्टि नहीं कर सके। हालांकि दबी जुबान कुछ डॉक्टरों की मानें तो स्वाब उस कंडीशन में सुरक्षित किए जाते हैं जब बॉडी काफी पुरानी हो चुकी होती है। यदि ऐसा है तो पांच लोगों की हत्या का को हुए तो अभी चौबीस घंटे भी नहीं बीते थे। फिर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को स्वाब सुरक्षित करने की जरूरत किन परिस्थितियों में पड़ गई?
जब हुई सामूहिक हत्या स्वाब हुआ सुरक्षित
पत्नी, बहू और बेटी एवं पोती संग मौत के घाट उतारा गया राजकुमार यादव का पैतृक मकान थरवई के वजीरपुर में हैं। तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर रहे राजकुमार करीब दस साल पूर्व खेत में पास के खेवराजपुर गांव में रोड किनारे बाउंड्री करवा कर एक कमरा बनवा कर रह रहा था। इसी खेवराजपुर गांव स्थित अपने मकान की बाउंड्री के अंदर पांचों की हत्या की गई। पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम हाउस बॉडी भेजी गई थी। डीएम के आदेश पर तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा पांचों की बॉडी का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम से जुड़े सूत्रों व कुछ पुलिस कर्मियों की दबी जुबान मानें तो रिपोर्ट में रेप की पुष्टि स्पष्ट रूप से नहीं हुई है। शक के आधार पर राज कुमार की पत्नी, बहू और बेटी एवं पोती का भी विजाइना स्वाब सुरक्षित किया गया है। कहना है कि अब सुरक्षित किए गए स्वाब को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। इसके बाद ही लैब की जांच में यह स्पष्ट होगा कि परिजनों व रिश्तेदारों द्वारा रेप की जताई जा रही आशंका सच है या नहीं।
हालांकि कुछ जानकार डॉक्टर दबी जुबान कहते हैं कि पांचों की हत्या को हुए 24 घंटे भी नहीं हुए थे। ऐसी स्थिति में पोस्टमार्टम में रेप हुआ या नहीं यह बात स्पष्ट हो जानी चाहिए थी। उनकी मानें तो स्वाब सुरक्षित करने की जरूरत तब पड़ती है जब बॉडी पुरानी हो या फिर पानी में एक दो दिन पड़ी रही हो। हालांकि इसके पहले भी हुई सामूहिक हत्याओं में जब भी पुलिस की शाख दांव पर लगी है पोस्टमार्टम में स्वाब ही सुरक्षित किए गए हैं। फिर वह सोरांव का यूसुफपुर कांड हो या गोहरी औन नवाबगंज सामूहिक हत्यांड, इस तरह की एक भी घटना में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के द्वारा रेप हुआ या नहीं स्पष्ट रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की जा सकी।
पुलिस को दी गई यह तहरीर
मारे गए राज कुमार यादव के बेटे सुनील ने द्वारा पुलिस को दी गई तहरीर में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उसने पुलिस को बताया कि भोर करीब 4.46 बजे गांव के विश्वकर्मा ने फोन किया था।
बताया था कि तुम्हारे घर में आग लग गई है। यह सुनते ही वह मामा राजेश यादव के साथ घर पहुंचा। कहा कि घर पहुंचने पर देखा तो लोगों की काफी भीड़ लगी थी।
घर के पीछे वाले दरवाजे यानी नल साइड उत्तर तरफ से घर में घुसा। देखा कि बॉडी बहन निर्वस्त्र अवस्था में पड़ी थी। उसके शरीर व सिर पर चोट थी और ब्लड बह रहा था।
उसके आगे मां कुसुम गंभीर हालत में खून से लथपथ पड़ी थी और सांस चल रही थी। उसकी भी सिर पर गहरी चोट थी। जबकि पिता राज कुमार की मौत हो चुकी थी और बॉडी पड़ी थी।
उसके आगे टीन शेड के पास पत्नी सविता की बॉडी पड़ी थी और उसके भी कपड़े अस्तव्यस्त थे,
करीब निर्वस्त्र ही थी। उसकी शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। पत्नी पास में बेटी मीनाक्षी भी मृत पड़ी थी। जबकि बेटी साक्षी को गांव के कुछ लोग गोद में उठा लिए थे।
कहा कि उसकी गांव में किसी से कोई रंजिश या दुश्मनी नहीं है। उसने किसी को घटना को अंजाम देते हुए देखा भी नहीं है।
पोस्टमार्टम में पांचों की मौत का कारण हेड इंजरी पाया गया है। रिपोर्ट में रेप से संबंधित कोई पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं मिले हैं। वैजाइना स्लाइड और स्वाब कलेक्ट किए गए हैं। जिसे एफएसएल भेजकर सच्चाई का पता लगाया जाएगा।
अजय कुमार एसएसपी