प्रयागराज (ब्‍यूरो)। लाला जानकी प्रसाद दिगंबर जैन मंदिर में बुधवार को क्षमावाणी पर्व मनाया गया। भगवान की प्रतिमा को पालकी में विराजमान करके शोभा यात्रा निकाली गई। इसमें कलश लेकर चलते बच्चे जियो और जीने दो, अङ्क्षहसा परमो धर्म का घोष करते रहे। इसे बाद जैन मंदिर में पं। सुनील जैन के निर्देशन में जलाभिषेक हुआ और शांतिधारा की गई। संचालन विकास जैन ने किया। दीपक जैन, धन्य कुमार जैन ने सपरिवार शांतिधारा की। निधि अग्रवाल, रूपाली जैन और आशीष जैन ने आरती की।

क्षमा करने से ही मिलती है क्षमा
भगवान की पूजा के बाद सभी भक्तों ने एक दूसरे से क्षमा याचना की। पं। सुनील जैन ने बताया कि क्षमा करने से ही हम क्षमा किए जाते हैं। क्षमा भाव आत्मा का गुण है, जिसमें करुणा और परस्पर मैत्रीभाव का संदेश है। कहा कि क्षमाभाव आत्मा में उत्पन्न निर्मल भावनाओं का प्रतीक है। जैन महिला मंडल की मंत्री बाला जैन ने कहाकि क्षमा शब्द जीवन की आधारशिला है, जिसके जीवन में क्षमा है वही महानता को प्राप्त कर सकता है। दसलक्षण पर्व पर चारु जैन, एकता जैन, ङ्क्षपकी जैन, आराध्य जैन और हैप्पी जैन ने 10 दिन का उपवास किया।