प्रयागराज (ब्यूरो)। बारिश के बाद सेक्टर एक से लेकर सेक्टर पांच तक जलभराव हो गया। इससे बने दलदल को सुखाने के लिए दूसरे स्थान से बालू लाकर डलवाना शुरू कराया गया। बता दें कि पीडब्ल्यूडी को मेला क्षेत्र में 80 किलोमीटर चकर्ड प्लेट बिछानी है। अब तक इनका काम पूरा नहीं हो सका। जल निगम को 180 किलोमीटर पाइप लाइन बिछानी है, इसमें 50 किलोमीटर अभी पाइप पाइप लाइन बिछाना बाकी है। सेक्टर, दो से लेकर पांच में जमीन को समतली करने का भी काम नहीं हो पा रहा है। सबसे अधिक समस्या शास्त्री पुल और रेलवे पुल के बीच में है। पीपा पुल नंबर एक से दक्षिण की और समतलीकरण के दौरान दलदल में एक जेसीबी फंस गई जिसको कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। पुल नंबर चार से उत्तर की तरफ समतलीकरण करते हुए एक ट्रैक्टर दलदल में फंस गया, जिसको निकालने के लिए अन्य दो ट्रैक्टर लगाए गए।
आज से गति पकड़ेगा काम
मेल का काम करवा रहे विभागीय जिम्मेदारों का कहना है कि सोमवार को बारिश बंद रही और धूप भी निकल आयी। मंगलवार को धूप थोड़ी और तेज हुई तो काम रफ्तार पकड़ लेगा और सभी काम मेला शुरू होने से पहले 14 जनवरी तक करा लिए जाएंगे। अब तक बनाये जा चुके प्रमुख मार्ग पर लगी चकर्ड प्लेट पर कीचड़ फैल जाने के कारण पैदल चलना कठिन था जिसकों श्रमिकों ने फावड़े से साफ किया। दंडीबाड़ा, आचार्य बाड़ा, खाक चौक एरिया में अभी पाइप लाइन और चकर्ड प्लेट बिछाने का काम बचा हुआ है। चकर्ड प्लेटों पर कीचड अधिक हो जाने के कारण स्कूटी और मोटर साइकिल वाले पुल के बीच में ही फिसल कर गिरते रहे।

जलस्तर बढ़ा, तेज हुई कटान
लगातार बारिश और कानपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते गंगा के साथ यमुना का भी जलस्तर तेजी से बढऩे लगा है। चार दिन बाद माघ मेला का पहला स्नान होगा ऐसे में दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर से माघ मेला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। संगम और झूंसी की ओर कटान हो रहा है। मेला क्षेत्र में कई बीघा जमीन गंगा में समा गई है। त्रिवेणी पुल नंबर लेकर संगम नोज तक कटान रोकने के लिए लगाए गए कई क्रेट पानी में डूब गए। तेज बहाव से कटान के कारण कई क्रेट टेड़े हो गए। बोरी में बालू भरकर उसको सुरक्षित किया गया। एक किलोमीटर से अधिक दायरे में तेजी से कटान हो रहा है। ङ्क्षसचाई विभाग को माघ मेला क्षेत्र में तीन किलो मीटर से अधिक दायरे में कटान रोकने का जिम्मा मिला है।