प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शनिवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट टीम ने प्रयागराज जंक्शन पर पहुंच कर टिकट काउंटर समीप लगे ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) पर पेटीएम और फ्रीचार्ज डायनेमिक यूपीआई क्यूआर कोड के माध्यम से यात्रियों द्वारा पेमेंट करने की जानकारी के बारे में घंटों समय बिताया और रियलिटी चेक किया। इस दौरान पाया गया कि यात्री टोटल कैश देकर टिकट खरीद रहे थे। यहां तक कि प्लेटफार्म टिकट तक के लिए दस रुपये कैश देकर ले रहे थे। यह ही नहीं रियलिटी चेक के दौरान दर्जनों यात्रियों ने कैश देकर टिकट खरीदा लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए मशीन पर लगाए गए फैसिलेटर किसी भी यात्री को डिजिटल पेमेंट करने की सलाह तक देते नहीं मिले। रिपोर्टर से बातचीत में लोगों ने कहा कि विभाग को डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए मशीन के पास डिजिटल पेमेंट करने की सुविधा के बारे में फ्लेक्स व बैनर लगाना चाहिए।

एक कागज तक पर नहीं लिखा
इस संंबंध में रिपोर्टर ने मशीन पर यात्रियों की सुविधा के लिए लगाए गए फैसिलेटर से बातचीत की तो वह मुस्कुराया। कहा कि हर यात्रियों को डिजिटल पेमेंट के बारे में बता पाना संभव नहीं है। इसके लिए रेलवे विभाग को ही सोचना पड़ेगा। कहा कि फ्लैक्स व बैनर लगा दिए जाएं तो यहां आने वाले हर शख्स की जानकारी खुद हो जाएगी। कहा कि दिन भर में आठ से दस लोग डिजिटल पेमेंट कर दें तो बड़ी बात है।

कितनी लगी है मशीन और इन ट्रेनों की मिल रही टिकट
04 प्रयागराज जंक्शन पर लगे हैं ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन
14163 संगम एक्सप्रेस प्रयागराज से मेरठ सिटी
14164 संगम एक्सप्रेस मेरठ सिटी से प्रयागराज
14111 वीरांगना लक्ष्मीबाई (झांसी) से प्रयागराज
14112 प्रयागराज से वीरांगना लक्ष्मीबाई (झांसी)
11108 बनारस से ग्वालियर (बुंदेलखण्ड)
11107 ग्वालियर (बुंदेलखण्ड) से बनारस
04193 प्रयागराज (मुगलसराय मेमो) से पंडित दीन दयाल उपाध्याय
04194 पंडित दीन दयाल उपाध्याय से प्रयागराज (मुगलसराय मेमो)

डिजिटल पेमेंट करने की सुविधा है। इसके बारे में जानकारी ही नहीं थी। रेलवे कर्मचारी भी डिजिटल पेमेंट करने के बारे में नहीं बता रहे हैं। रेलवे से रिक्वेस्ट है कि डिजिटल पेमेंट की सुविधा के लिए टिकट काउंटर से लेकर मशीन तक के पास फ्लेक्स और बैनर लगाना चाहिए।
अब्दुल, यात्री

प्लेटफार्म टिकट लेना था। स्टाफ बोले चेंज लेकर आए। एक बार भी नहीं बताया कि डिजिटल माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं। मशीन पर बकायदा एक स्लीप डिजिटल पेमेंट करने के बारे में लिखा होना चाहिए।
रवि झा, यात्री

दिनभर में कैश पेमेंट कर टिकट लेने वालों की संख्या अधिक है। डिजिटल पेमेंट बहुत कम ही लोग करते हैं। जबकि क्यूआर स्कैन कर पेमेंट करने तक की सुविधा है। कई बार तो यात्री को मशीन से मिलने वाले टिकट के बारे तक में जानकारी नहीं होती है। उनको चिल्ला कर बुलाना पड़ता है।
मोहम्मद सैफ, फैसिलेटर, एटीवीएम मशीन कर्मचारी

जो लिस्ट मशीन पर ट्रेनों की लगी है। वहीं ट्रेनों की टिकट ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन से निकलता है। जल्द ही अन्य ट्रेनों की भी सुविधा शुरु हो जाएगी। कई बार यात्री आते है कि आगरा और गाजियाबाद अन्य जगह पर हर रूट का टिकट मिल रहा है। उनको समझना बड़ा मुश्किल होता है।
रोहित कुशवाहा, फैसिलेटर एटीवीएम मशीन कर्मचारी