प्रयागराज ब्यूरो । जहां एक ओर खाकी वर्दी अपने व्यवहार को लेकर बदनाम रहती है वहीं, मौनी के मेले में रेलवे सुरक्षा बल की कार्यशैली लाजवाब रही। रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने खाकी वर्दी को नई पहचान दी। स्टेशन पर पहुंचे श्रद्धालुओं को न केवल ट्रेनों की जानकारी दी बल्कि तमाम बुजुर्ग महिला और पुरुष मेलार्थियों को उनकी ट्रेन तक पहुंचाकर कोच में बैठाया भी। रेलवे सुरक्षा बल की यह कवायद काबिले तारीफ रही। जिसने भी यह देखा उसने आरपीएफ को सराहा।
मौनी अमावस्या पर जंक्शन पर लाखों की भीड़ रही। दोपहर तक सिविल लाइंस साइड से भीड़ का रेला संगम जाने के लिए निकलता रहा तो दोपहर से श्रद्धालुओं
की वापसी शुरू हो गई। मेला जाने वाली भीड़ का कम मगर वापसी की भीड़ का प्रेशर जंक्शन पर रहा। इस पर आरपीएफ ने मोर्चा संभाला। तमाम बुजुर्ग महिला पुरुषों को आरपीएफ के सिपाहियों ने हाथ पकड़ कर कोच तक पहुंचाया। इसके बाद कोच में बैठाया। तमाम बुजुर्ग मेलार्थियों का बैग भी स्टेशन से कोच तक पहुंचाया।

मेलार्थियों से नम्र व्यवहार का सख्त निर्देश अफसरों ने जारी किया गया था। जिसका पालन किया गया। जंक्शन पर भीड़ को कोई दिक्कत नहीं हुई। रेलवे सुरक्षा बल के सिपाहियों ने मेलार्थियों का पूरा सहयोग किया।
शिवकुमार सिंह, इंस्पेक्टर आरपीएफ

चार मेला स्पेशल में निपट गया मौनी
मौनी अमावस्या पर रेलवे को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। मौनी की भीड़ के लिए रेलवे को केवल चार मेला स्पेशन ट्रेन चलानी पड़ी्। मौनी अमावस्या पर आई आधी भीड़ रूटीन ट्रेनों से ही निकल गई। जबकि दोपहर बाद चार मेला स्पेशल चलानी पड़ी। एक मेला स्पेशल कानपुर रूट पर, दो मेला स्पेशल मुगलसराय रूट पर, एक मेला स्टेशन सुल्तानपुर रूट पर चलाई गई।


मौनी अमावस्या पर रेलवे ने भीड़ का प्रबंध बेहतर तरीके से किया। भारी भीड़ के बाद भी स्थिति सामान्य रही। चार मेला स्पेशल ट्रेन चलाई गई। मौनी अमावस्या की भीड़ सकुशल अपने गंतव्य को रवाना हुई।
हिमांशु शेखर उपाध्याय, सीपीआरओ