प्रयागराज (ब्यूरो)। रविवार के दिन दोपहर करीब एक बजे से हल्की बारिश शुरू हो गई। बारिश शुरू होते ही प्रयागराज जंक्शन के दो दर्जन से अधिक स्टालों समेत तमाम जगहों की लाइट गुल गई। कुछ देर में अफसरों व रेलवे के तमाम कक्ष में लाइट आ गई। लेकिन उधर सभी स्टालों पर अंधेरा छाया रहा। एक-दो वीआईपी स्टालों पर पता नहीं कहां से कुछ देर बाद धीरे से बल्ब जल गया। बाकि सभी जगहों पर शाम आठ बजे तक अंधेरा छाया रहा। जिसके चलते तमाम प्लेटफार्मों से गुजरने वाली ट्रेनों के यात्रियों चाय-कॉफी नहीं मिल पाई। खाने पीने का गर्म सामान न होने से यात्री खरीदने से बचते रहे। स्टालों संचालकों ने इसी शिकायत सोशल मीडिया पर की। जिसके बाद दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने अजंता कैंटीन, एच व्हीलर मल्टीपरपज स्टॉल, सर्वोदय साहित्य, ललिता देपी कैटरर्स और सोपन स्टॉल वालों ने बताया कि यह आज का नहीं है। जब भी बारिश हल्की-फुल्की होती है। लाइट कट जाती है। व्यापार चौपट हो रहा है। हर महीने मिनिमम एक स्टॉल का तीस हजार से अधिक का बिल आता है। स्टेशन पर लगाए गये सोलर पावर भी काम नहीं आ रहा है।

करंट उतरने का अफसर देते हैं हवाला
स्टॉलों पर काम करने वाले स्टाफ की माने तो लाइट न आने पर रेलवे अफसर करंट उतरने का हवाला देते हैं। बता दें अगर इस तरह के हालात हैं तो इसका बेहतर इंतजाम होना चाहिए। एक स्टॉल से निर्धारित किराया लिया जाता है। लेकिन सुविधा नहीं दी जा रही है। जबकि हर स्टॉल पर बकायदा मीटर तक लगे हुये है। लेकिन बिजली न मिलने से उनका व्यापार चौपट हो रहा है।


अधिकारियों का मिला जवाब
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर ने स्टेशन डायरेक्टर वीके द्विवेदी से बातचीत की तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। उनका कहना है कि उनके पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। वहीं पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि बिजली की मेन सप्लाई में फाल्ट आने से आपूर्ति बाधित हो रही है।