प्रयागराज (ब्यूरो)। मंडल रेल प्रबंधक सुरेश कुमार ने बताया कि आईओएच यानी इंटरमीडिएट ओवर हॉलिंग (प्रत्येक 09 माह में अपेक्षित) और पीओएच यानी पीरियाडिकल ओवर हॉलिंग (प्रत्येक 18 माह में अपेक्षित) का कार्य किया जाता है, ताकि यात्री कोचों की गुणवत्ता यथावत रखते हुए उनकी क्षमताओं में वृद्धि की जा सके। इन कोचों को पूर्ण संरक्षा एवं सुरक्षा के साथ संचालित किया जा सके। इस दूसरी सिक लाइन द्वारा जहां एक ओर प्रयागराज संगम तथा वाराणसी के यात्री कोचों के नियमित अनुरक्षण तथा रखरखाव का कार्य सुगमतापूर्वक यथासमय संपन्न किया जा सकेगा वहीं अतिरिक्त शंटिंग पर विराम लगाते हुए समय एवम ऊर्जा की बचत भी की जा सकेगी।