रेल बजट में 2020 तक मानव रहित फाटक खत्म करने का फैसला
अकेले एनसीआर क्षेत्र में 412 मानव रहित फाटक मौजूद
ALLAHABAD: आए दिन हो रही रेल दुर्घटनाओं पर रेल मंत्रालय बेहद संजीदा है। रेल बजट में यह साफ दिखाई पड़ा। रेल बजट में इस बार 2020 तक सभी मानव रहित रेलवे क्रासिंग को हटाने का निर्णय लिया गया है, जिससे हादसों में कमी लायी जा सके।
डेढ़ दशक में दर्जनों हादसे
मानव रहित रेलवे क्रासिंग को हटाने का काम शुरू हुआ तो एनसीआर को भी इसका जबर्दस्त फायदा होगा और रेल दुर्घटनाएं कम होंगी। क्योंकि केवल एनसीआर में टोटल 412 मौत के फाटक यानी अनमैंड रेलवे क्रासिंग हैं। जहां करीब डेढ़ दशक में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है। इलाहाबाद वाराणसी रूट हादसों में टॉप पर है।
छोटे रूट पर अधिक हैं क्रासिंग
दुर्घटनाओं को देखते हुए रेलवे ने मेन रूट पर मानव रहित रेलवे क्रासिंग करीब-करीब बंद कर दिए हैं। लेकिन छोटे-छोटे रूट पर बने मानव रहित रेलवे क्रासिंग दुर्घटना का कारण बने हुए हैं। दिल्ली-हावड़ा मेन रूट की बात करें तो इस रूट पर इलाहाबाद डिवीजन में एक भी मानव रहित रेलवे क्रासिंग नहीं है। वहीं इलाहाबाद-वाराणसी और प्रतापगढ़ रूट पर कई अनमैंड रेलवे क्रासिंग हैं।
मानव रहित रेलवे क्रासिंग
एनसीआर में हैं कुल 412 मानव रहित रेलवे क्रासिंग
इनमें 189 अनमैंड रेलवे क्रासिंग उत्तर प्रदेश में
169 अनमैंड रेलवे क्रासिंग मध्य प्रदेश में हैं स्थित
64 अन मैंड क्रासिंग हैं राजस्थान में
पिछले साल 19 अनमैंड और 32 मैंड रेलवे क्रासिंग किए गए कम
इस साल 121 रेलवे क्रासिंग कम करने का है टार्गेट
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मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर हादसे
25 मई 1996 को इलाहाबाद वाराणसी रूट पर वाराणसी क्रासिंग के पास लोगों से भरी ट्राली के इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन से टकराने के कारण 25 लोगों की मौत हो गई थी।
वाराणसी-इलाहाबाद रूट पर ज्ञानपुर रोड स्टेशन और सरायजगदीश हाल्ट के बीच प्रयागदासपुर के पास मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर 11 मई 2015 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ट्रेन की चपेट में आने से कार में सवार चार युवकों की मौत हो गई थी।
14 जून 2015 को जंघई रेलवे स्टेशन के पास मानव रहित क्रासिंग पर इंटरसिटी एक्सप्रेस से बोलेरो टकरा गई थी। हादसे में ड्राइवर समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
31 अगस्त 2012 को सरायइनायत क्षेत्र में मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर ट्रेन की चपेट में आने से कार में सवार एक महिला समेत दो बारातियों की मौत हो गई थी।
2010 में इलाहाबाद से 61 किलोमीटर दूर प्रतापगढ़ में सरयू एक्सप्रेस एक ट्रैक्टर पर चढ़ गई थी। हादसे में दस लोगों की जान चली गई थी और 45 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
25 जुलाई 2016 को भदोही जिले के औराई क्षेत्र में कटका और माधो सिंह रेलवे फाटक के बीच फाटक रहित रेलवे क्रासिंग पर पैसेंजर ट्रेन ने छात्रों से भरे मैजिक वैन में टक्कर मार दी थी। जिससे स्कूल जा रहे नौ बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी। मैजिक वैन के ड्राइवर की लापरवाही और कान में ईयरफोन लगाए होने की वजह से घटना हुई थी।