प्रयागराज ब्यूरो । जन माध्यम के रूप में रेडियो पूरे विश्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। भारत में रेडियो ने न केवल सामाजिक विकास में योगदान दिया है बल्कि युद्ध और आपदा के समय भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। ऐसे समय में जब सोशल मीडिया फेक न्यूज फैलाने का माध्यम बन गया है, तब हमारे परम्परागत मीडिया उपक्रम विशेष कर रेडियो लोगो में विश्वास बनाये रखने में कामयाब रहा है। यह बात आकाशवाणी नई दिल्ली के वरिष्ठ ब्रॉडकास्टर अभिनय श्रीवास्तव ने कही।

आकाशवाणी की भूमिका को सराहा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेन्टर ऑफ मीडिया स्टडीज में विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अभिनय श्रीवास्तव ने कहा कि देश के विकास में आकाशवाणी की भूमिका सराहनीय है। आज भी देश में सबसे अधिक उपयोग में आने वाला माध्यम रेडियो ही बना हुआ है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले दिनों में रेडियो अपनी सार्थकता को पहले से कहीं अधिक सिद्ध करता रहेगा।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में सेन्टर के कोर्स कोआर्डिनेटर डा धनंजय चोपड़ा ने कहा कि आज का समय ऑडियो प्रोडक्शन का बेहतर समय है। ऑडियो की दुनिया इन्टरनेट का साथ पाकर लगातार बड़ी हो रही है। ऐसे में ऑडियो के सबसे सुलभ माध्यम रेडियो को शांति और विकास का पर्याय बनाया जा सकता है।

आलेख में अभिषेक प्रथम

विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर यूनेस्को द्वारा दी गयी थीम ''रेडियो और विश्व शांतिÓÓ विषय पर विद्यार्थियों के लिए शोध पत्र व शोध आलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में बीवोक इन मीडिया प्रोडक्शन के अभिषेक भट्ट को प्रथम स्थान, बीए इन मीडिया स्टडीज के आयुष राज को द्वितीय स्थान तथा बीवोक इन मीडिया प्रोडक्शन की निधि कुशवाहा को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इनके अतिरिक्त कृतिका यादव, प्रशान्त त्रिपाठी, विवेक पाण्डेय और उद्भव त्रिपाठी की प्रस्तुति सराहनीय रहीं।

इस अवसर पर सेन्टर के अध्यापक विद्यासागर मिश्र, सचिन मेहरोत्रा, अमित मौर्या, प्रियंका मिश्रा और के। राशि कुमार सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बीए इन मीडिया स्टडीज की छात्रा आंचल तिवारी ने किया।