प्रयागराज ब्यूरो इस सीजन में डाग बाइट के मामले बढ़ जाने से आम जनता को काफी परेशानी हो रही है। लोगों को रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए मार्केट जाना पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में जबरदस्त भीड़ हो रही है। ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में भी इंजेक्शन नही लग पाने से लोग शहर की तरफ भाग रहे हैं।

40 फीसदी बढ़ गई इंजेक्शन की सेल
शहर के सरकारी अस्पतालों में रोजाना कुत्ते काटने के तीन सौ मामले आ रहे हैं।
इसके अलावा सैकड़ों मामले प्राइवेट अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
इसकी वजह से मेडिकल स्टोर्स में रैबीज के इंजेक्शन की सेल 40 फीसदी तक बढ़ गई है।
दवा दुकानदारों का कहना है कि इस सीजन में स्टाक अधिक रखना पड़ रहा है।
उनकी माने तो इस समय एक डाग बाइट के केस में चार इंजेक्शन की डोज लगाई जाती है।
मार्केट में ह्यूमेन बायोलाजिकल इंस्टीट्यूट के अभयरैब टीके की एक डोज की कीमत 397 रुपए और चिरोरैब टीके की कीमत 398 रुपए है।

डेढ़ से दो घंटे का लगता है समय
सरकारी अस्पतालों में रैबीज के टीके की चार डोज लगाई जाती है।
इसमें से पहले दिन, सातवें, इक्कीसवें और अट्ठाइसवें दिन डोज लगाई जाती है।
प्रतिदिन बेली और काल्विन अस्पताल में डेढ़ से दो सौ टीके लगाए जाते हैं।
बुधवार को फाफामऊ से आए सुरेश, नैनी से आए इमरान, ममफोर्डगंज से आए विकेश और सुलेम सराय से आए सुनीता ने बताया कि उन्हें इंजेक्शन लगवाने में दो घंटे लग गए।
पहले पर्चा बनवाने में आधा घंटा लगा और इसके बाद ओपीडी की लाइन में एक घंटा लगा।
इंजेक्शन रूम में अपना लगाने के लिए आधे घंटे इंतजार करना पड़ा।
वही कई लोग भीड़ देखकर प्राइवेट अस्पतालों की ओर चले गए।

लास्ट मंथ आए थे 5500 केस
इस सीजन में डाग बाइट के मामले किस कदर बढे हैं, इसका जीता जागता उदाहरण स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े हैं। जिसके मुताबिक केवल अगस्त में प्रयागराज जिले में 5500 लोग डाग बाइट का शिकार हुए थे। यह आंकड़े सरकारी हैं। प्राइवेट इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं। बता दें कि इस समय में शहर में चालीस हजार से अधिक आवारा कुत्तों का आतंक है। यह राह चलते लोगों को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं।

इस समय स्ट्रीट डाग का आतंक काफी अधिक है। इसकी वजह से सेल भी बढ़ गई है। सरकारी में टीके होने के बावजूद लोग मेडिकल स्टोर्स से परचेजिंग कर रहे हैं। सेल में 4्र0 फीसदी का इजाफा हुआ है।
तरंग अग्रवाल, दवा विक्रेता

पिछले महीने 5500 डाग बाइट के मामले सामने आए थे। इस सीजन में मामले बढ़ जाते हैं। शहर और ग्रामीण एरिया में रैबीज के इंजेक्शन का स्टाक उपलब्ध कराया जा रहा है।
डॉ। वरुण क्वात्रा,
डिप्टीसीएमओ, स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज

सड़कों और गलियों में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। देर रात आप निकल नही सकते। झुंड के आकार में वह हमला कर घायल कर देते हैं।
धीरज

अस्पतालों में रैबीज का इंजेक्शन लगवाने में काफी समय लग जाता है। जबकि डॉक्टर्स कहते हैं कि तत्काल डोज लगवाना शुरू करा दीजिए। इसे मेडिकल स्टोर से खरीदना पड़ रहा है।
अभिषेक सिंह

ग्रामीण इलाकों में कुत्ते काटने की सुई लगवाने जाओ तो शहर भेज देते हैं। कहते हैं हमारे पास इंजेक्शन नही है। ऐसे में लोग शहर में आते हैं, बहुत से लोग हैं बाजार से खरीदकर इंजेक्शन लगवा लेते हैं।
शुभम