एक सितंबर से शुरू हो रहा है राष्ट्रीय पोषण माह

न्यूट्रीशन गार्डेन विकसित कराने के लिए चलाया जाएगा अभियान

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से सितंबर में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाएगा। इस बार की थीम है, कुपोषण छोड़, पोषण की ओर, थामे क्षेत्रीय भोजन की डोर। इसका अर्थ यह कि क्षेत्रीय स्तर पर जिस तरह के खानपान का चलन है उसे बढ़ावा देकर स्वास्थ्य की डगर बनाई जाएगी।

कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए अभियान

जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज राव ने बताया कि गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर उनके स्वास्थ्य सुधार के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त रसोई और न्यूट्रीशन गार्डेन विकसित कराने का अभियान चलेगा। जहां खाली जमीन नहीं होगी वहा गमलों में पौधे लगवाए जाएंगे। ये सीधे तौर पर लोगों को सेहतमंद बनाने में सहयोग करेंगे। कोरोनाकाल में यह अभियान विशेष महत्व का होगा।

पोषण वाटिका की होगी स्थापना

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सितंबर के पहले सप्ताह में सरकारी स्कूल, आवासीय स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, ग्राम पंचायत की अतिरिक्त जमीन पर पोषण वाटिका की स्थापना कराई जाएगी। दूसरे सप्ताह में योगा और आयुष के सत्र आयोजित होंगे। इसमें बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं को शामिल किया जाएगा। तीसरे सप्ताह में पोषण संबंधी प्रचार प्रसार अभियान चलाने के साथ ही पुष्टाहार का वितरण होगा। चौथे सप्ताह में कुपोषितों को चिह्नित करने का अभियान चलेगा।

गांवों में होंगी पोषण पंचायतें

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि पोषण माह में वर्चुअल बैठकें होंगी। गावों में पोषण पंचायतों का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों से सामंजस्य स्थापित कर पांच वर्ष तक के बच्चों का वजन व लंबाई मापी जाएगी। कुपोषितों को आवश्यकता के अनुसार एनआरसी में भर्ती कराया जाएगा।