प्रयागराज ब्यूरो । सीजन में हो रही लगातार बारिश और बाढ़ डेंगू के केसेज बढऩे की ओर इशारा कर रहे हैं। जिसको लेकर जोर शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसी क्रम में पहली बार मलेरिया विभाग क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) बनाने जा रहा है। यह टीमें उन स्थानों जहां डेंगू फैला है या फैलने के चांसेज हैं, वहां पर जाकर रोकथाम और बचाव के काम शुरू कर देगी। टीमों में डीबीसी सहित दूसरे कर्मचारियों को रखा जाएगा।

कारणों का पता लगाएगी टीम
किसी जगह पर डेंगू के मामले आते हैं तो यहां पर बिना देरी किए क्यूआरटी को रवाना कर दिया जाएगा। यह टीम मौके पर जाकर संक्रमण के फैलने के कारणों की जानकारी हासिल करेगी। इसके साथ ही लोगों को इन कारणों से बचाव के बारे में भी बताएगी। टीम में दो डोमेस्टिक ब्रीडर चेकर को रखा गया है। इसके साथ एक छिड़काव कर्मचारी भी रहेगा। यह कर्मचारी स्पाट सहित आसपास के एरिया में एंटी लार्वा स्प्रे करेगा। जिससे कि भविष्य में वहां पर डेंगू अपने पैर नही जमा सकेगा।


बनाई गई हैं बीस टीमें
फिलहाल मलेरिया विभाग ने बीस टीमें बनाने का निर्णय लिया है। यह अलग अलग एरिया में जाकर अपना काम करेंगी। खासकर बाढ़ ग्रस्त एरिया में भी काम करने का इन टीमों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। एक टीम में तीन सदस्यों को शामिल किया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि डेंगू का शुरू से अलग चक्र चलता रहा है। एक साल अधिक केसेज आते हैं तो दूसरे साल कम केसेज। पिछले साल महज 550 केस सामने आए थे और इस बार पहले से तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है, जिससे इन केसेज को बढऩे से पहले ही रोका जा सके।


ये भी किए गए निपटने के इंतजाम
- एसआरएन, बेली और काल्विन अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए 25-25 बेड किए गए रिजर्व
- इसी तरह से चिल्ड्रेन हॉस्पिटल समेत जिले की सभी सीएचसी में 5-5 बेड रिजर्व किए गए हैं।
- अधिक मरीज आने पर सीएचसी में अतिरिक्त बेड भी बढाए जाने हैं।
- सभी सीएचसी में फागिंग मशीन, एंटी लार्वा स्प्रे सहित माघ मेले में बची कीट नाशक दवाओं का स्टाक भी रखा गया है।
बीते सालों में देखा गया था कि डेंगू केसेज मिलने के बाद टीमों को रवाना किया जाता था। अधिक केस हो जाने पर यह टीमें कभी विलंब से भी पहुंचती थीं। इससे बचने के लिए इस बार क्विक रिस्पांस टीमों का गठन किया गया है। यह 24 घंटे में मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य करेंगी।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज