प्रयागराज (ब्‍यूरो)। तहरीर के अनुसार विवादित जमीन का मसला हल करने के लिए यासिर व उसका भांजा सुल्तान एवं दोस्त इमरान अली एवं रसूल दीपक के असलहा लेकर पहुंचे थे। यदि ऐसा है तो जब दीपक अपने घर में यासिर और सुल्तान की गोली मारकर हत्या किया तो रसूल व इमरान ने उस पर फायर क्यों नहीं किये। यह स्थिति इस तरफ इशारा कर रही कि इमरान और रसूल व मारे गए यासिर एवं सुल्तान निहत्थे थे। जिस कमरे में घटना हुई वहां सुल्तान व यासिर गोली लगते ही कुर्सी के पास गिरेे। उस वक्त यदि दो में से किसी एक के पास भी पिस्टल या तमंचा होता तो भागने के बजाय वह दीपक पर फायर जरूर किया होता। बगल के कमरे में मौजूद इमरान और रसूल भी यदि असलहे से लैस होते बचाव में ही सही फायरिंग जरूर करते। ऐसा नहीं हुआ। पुलिस के मुताबिक दीपक ने कहा कि वह पिस्टल छीनकर फायर किया था। प्रश्न यह है कि चार या दो लोगों से वह अकेले पिस्टल या कोई तमंचा कैसे छीन सकता है। यह सवाल दीपक को कटघरे में खड़ा करते हैं। संकेत देते हैं कि चारों असलहे दीपक के ही हैं। शक यह भी जताया जा रहा है कि इमरान व रसूल के पास कोई असलहा नहीं रहा होगा। क्या सच्चाई है यह तो पुलिस की जांच पूरी होने पर ही सामने आ पायेगा।

प्री-प्लांड तो नहीं है घटना

डबल मर्डर की इस घटना में हालात किसी तीसरे पक्ष की तरफ भी इशारा कर रहे हैं।

यासिर व सुल्तान की हत्या में इमरान और रसूल की तरफ भी पुलिस के शक की सुई घूम रही है।

क्राइम एक्सपर्ट की मानें तो हो सकता है कि विवाद को देखते हुए दीपक पहले से ही घटना को अंजाम देने के लिए तैयार बैठा रहा हो।

चारों पहुंचे तो पहले से दीपक के घर में रहे लोग गोलियां बरसा दिए हों।

इस विवाद में यासिर व सुल्तान ही रोड़ा रहे हों लिहाजा साजिश के तहत उन्हीं दोनों को मौत के घाट उतारा गया हो।

रसूल, इमरान और जिसके घर में वारदात हुई दीपक विश्वकर्मा यही तीन लोग ऐसे हैं जिन्हें इस विवाद व गोली बाकी को खरोंच तक नहीं आई।

पुलिस भी इन तमाम सवालों के उत्तर की तलाश में जुटी हुई है।