प्रयागराज ब्यूरो, शहर से गांव तक पीडब्लूडी की ढाई तीन सौ से अधिक सड़कें हैं जिनके मेंटिनेंस का काम यह विभाग देखना है। विभाग की ज्यादातर सड़कें ग्रामीण इलाकों में हैं। इस बार बारिश में सड़कों पर जगह-जगह गड्ढों की संख्या अधिक हुई है। क्योंकि कई ऐसी सड़कें हैं जिनका चौड़ी करण हुआ या नई बनाई गई हैं। ऐसे में बारिश के पानी से इन चौड़ीकरण सड़कों व नई रोड की मिट्टी बैठ गई है। जिस जगह धंस गई वहां पर गड्ढे हो गए हैं। कुछ ऐसे भी स्थान हैं जहां पर मिट्टी नहीं धंसी फिर भी गाडिय़ों की आवाजाही व वजन एवं जल भराव के कारण डामर गिट्टी छोड़ दिया। परिणाम स्वरूप उस स्थान पर भी गड्ढे हो गए हैं। यह गड्ढे अब यात्रियों की राम में खतरा बन गए हैं। इनकी वजह से बाइक ही नहीं कार व टैक्सी आदि जैसे सवारी वाहनों में बैठे लोगों को भी परेशानी हो रही है। इन सब में सबसे अधिक खतरा बाइक से आवागमन करने वालों के लिए बताया जा रहा। वजह यह कि बाइक से इन गड्ढों की वजह से गिरने का खतरा बना हुआ है। झटका लगने से बॉडी के मसल्स में जो दर्द होते हैं वह अधिक। बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में पीडब्लूडी विभाग के लोग इन गड्ढों को दुरुस्त नहीं कर पा रहे हैं। विभागीय लोग बताते हैं कि सर्वे के बाद प्राप्त गड््ढों के आधार पर उसके मेंटिनेंस के अनुमानित खर्च का आकलन किया जाएगा। इसके बाद सम्पूर्ण कार्य का बजट बनाकर रुपयों की डिमांड की जाएगी। बजट मिलते ही अभियान चलाकर गड्ढों को दुरुस्त करने का काम किया जाएगा।

गड्ढों के साइज का भी होगा आंकलन
शहर की करीब 70 सड़कों पर बारिश में अधिक गड्ढे का होने का विभाग लगा रहा है अनुमान, इन्हीं सड़कों से शुरू कराया गया है सर्वे का काम
सर्वे में लगाए गए कर्मचारी सड़कवार छोटे व बड़े गड्ढों का अलग-अलग तैयारी करेंगे पूरा ब्योरा उसी के तहत तय होगा मेंटिनेंस खर्च
बारिश में बह गई या फिर ज्यादा दूर तक धंसी सड़कों को अलग से किया जाएगा काउंट फिर उसे मिट्टी आदि डालकर करेंगे दुरुस्त
नगरीय यानी शहरी क्षेत्र से शुरू होगा गड्ढा दुरुस्त करने का पक्का काम, शहर में कई जगह गड्ढा दुरुस्त करने के लिए कराया गया कच्चा काम
रुक-रुक कर हो रही बारिश का सर्वे कार्य पर भी पड़ रहा है असर, गड्ढे गिनते देर नहीं बढ़ बारिश की वजह से बढ़ जा रही गड्ढों की संख्या


सड़कों पर गड्ढों के सर्वे का काम कराया जा रहा है। दिक्कत इस बात की है रुक-रुक कर बारिश हो जा रही है। ऐसे में गड्ढों का सही आंकलन कर पाने में दिक्कतें आ रही हैं। फिर भी कोशिश है कि हफ्ता पंद्रह दिन में यह काम पूरा करके बजट के लिए स्टीमेट भेज दिया जाय। ग्रामीण इलाकों में कुछ स्थानों पर सड़कों के बहने की खबरें भी हैं। अब वहां नए सिरे से उसे बनाया जाएगा।
मनोज सिंह, जेई-टी पीडब्लूडी