प्रयागराज (ब्यूरो)। भगवान बजरंगबली और का दिन मंगलवार ऊपर से अक्षय तृतीया। इस शुभ दिन अक्षय तृतीया पर भगवान की कृपा पाने की मंशा से भक्तजन भोर में ही बिस्तर छोड़ दिए। घरों व पूजा स्थान की साफ सफाई के बाद गंगा व संगम स्नान के लिए निकल पड़े। गंगा में पानी कम होने की वजह से भक्तों को स्नान के लिए उचित घाट की तलाश में भटकना पड़ा। गंगा व संगम स्नान बाद भक्तजन भगवान सूर्य देव को अघ्र्य अर्पित किए। इसी के साथ पूजा पाठ का सिलसिला शुरू हुआ। पुरोहितों के साथ गंगा व संगम घाट पहुंचे तमाम भक्तों द्वारा रुद्राभिषेक कर प्रसाद वितरण किया गया। वहीं घरों में भी लोग विधि विधान से भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी एवं हनुमान जी की आराधना किए। दर्शन के लिए मंदिरों में भक्तों की लंबी कतार लगी रही। पुण्य अर्जित करने की इच्छा से भक्तों द्वारा पुरोहितों व गरीबों को स्वेच्छानुसार दान किया गया। मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर प्रभु की आराधना से सारे कष्ट कट जाते हैं। अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की जयंती भी है। लिहाजा सनातन धर्मावलंबियों द्वारा उनकी भी विधि विधान से पूजा अर्चन की गई।
सोशल मीडिया पर छाए रहे परशुराम
सनातन धर्मावलंबी अक्षय तृतीया की बधाई व भगवान परशुराम की जयंती की बधाई एक दूसरे को देते रहे। वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर परशुराम की मोहक तस्वीरें खूब नजर आईं। प्रभु परशुराम की तस्वीर के साथ लोग एक दूसरे को बधाई संदेश भेजते रहे। सोशल मीडिया पर आस्था की यह खूबसूरत दृश्य मनमोहक नजर आ रहा था।
अक्षय तृतीया का शुभ और यह दुर्लभ संयोग वर्षों में कभी आता है। यही वजह रही कि इस बार अक्षय तृतीया को लेकर सनातन धर्मावलंबियों में काफी उत्साह रहा। इस शुभ घड़ी में कोई भी किया शुभ कार्य फलदायी व सफलता प्रदान करने वाला होता है।
पं। मनीष गौतम, ज्योतिषाचार्य