प्रयागराज (ब्‍यूरो)। क्या आपको पता है कि शहर में बने पब्लिक टायलेट सही मायने में बीमारियां बांट रहे हैं। इनकी साफ सफाई से तो आप सभी वाकिफ ही होंगे। यही कारण है कि डब्ल्यूएचओ (वल्र्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन) ने लोगों को पब्लिक टायलेट सोच समझकर यूज करने की हिदायत दी है। आर्गनाइजेशन की माने तो हर साल लाखों लोगों की मौत बैक्टीरियल इंफेक्शन से हो जाती है। इसे फैलाने में पब्लिक टायलेट का बड़ा हाथ है।

नाक बंद करके करते हैं यूज
शहर के तमाम एरिया सिविल लाइंस, चौक, कीडगंज, मुट््ठीगंज, नखास कोहना, बैरहना, लूकरगंज, चकिया, कालिंदीपुरम आदि जगह पर पब्लिक टायलेट बनाया गया है। लेकिन इनकी साफ सफाई पर जरा भी ध्यान नही दिया जाता है। यहां तक कि कलेक्ट्रेट, विकास भवन, सरकारी अस्पतालों समेत तमाम सरकारी विभागों के टायलेट का भी यही हाल है। ऐसे में इनको यूज करने वाले आसानी से संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। कई बार नाक बंद करके पब्लिक टायलेट के भीतर जाना पड़ता है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़े कहते हैं कि हर साल पांच लाख लोगों की मौत अनसेफ हाइजीन की वजह से होती है। मतलब गंदी जगह पर टायलेट करना, हाथ ठीक से नही धोना, संक्रमित चीजों के संपर्क में आना आदि। जबकि 14 लाख लोगों की मौत गंदगी की वजह से होती है। पब्लिक इन चीजों से अनजान होकर संक्रमण का शिकार हो जाती है। पब्लिक टायलेट पर हजारों बैक्टीरिया होते हैं, जिनमें से हेपेटाइटिस, स्ट्रेप्टोकोकस, ई कोली आदि जबरदस्त संक्रमण फैलाने का काम करते हैं। जिससे यूरिनरी टै्रक्ट इंफेक्शन, हेपेटाइटिस ए, वायरल इंफेक्शन, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, उल्टी, बुखार, पेट दर्द, हैजा, डायरिया, निमोनिया, प्रोस्टेटाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

पब्लिक टायलेट में बरते सावधानी
- शौचालय के दरवाजे छूने से बचना चाहिए।
- गंदी शीट पर कतई मत बैठे।
- ढक्कन को बंद करके ही उसे फ्लश किया जाए।
- टायलेट यूज करने के बाद हाथों को साबुन से धोएं।

कई बार मार्केट पब्लिक टायलेट यूज करने की इच्छा और हिम्मत दोनों नहीं होती है। वहां इतनी ज्यादा गंदगी होती है। हमारी मांग है कि इनकी सफाई पर ध्यान दिया जाए। यही कारण है कि लोगों में बीमारियां तेजी से फैलती हैं।
महेंद्र गोयल, व्यापारी

पुरुषों से अधिक महिलाओं को परेशानी होती है। सुलभ काम्प्लेक्स यूज करने का तो पैसा लिया जाता है लेकिन इनकी सफाई पर कोई ध्यान नही देता है। कई बार नाक बंद करके भीतर जाना पड़ता है। इसीलिए कोई वहां नही जाना चाहता।
राहुल यादव, एडवोकेट

पब्लिक टायलेट के हालात अच्छे नही हैं। दर्जनों लोग रोजाना इनके संक्रमण का शिकार होते हैं। इनमें कई खतरनाक बैक्टीरिया अपना घर बना लेते हैं। जब कोई दूसरा यूज करता है तो वह संक्रमण का शिकार हो जाता है। सबसे ज्यादा यूटीआई और पेट में इंफेक्शन के मामल होते हैं।
डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन