- 0 से 4000 स्लैब रेट के प्रस्ताव को लेकर शुरू हुआ विरोध
- नौ जून को होने वाली सदन की बैठक में इस नये स्लैब रेट को रखने की तैयारी
वॉटर टैक्स निर्धारण के लिए नगर निगम सदन की ओर से गठित नये स्लैब रेट निर्धारण कमेटी के सदस्य पार्षद अशोक सिंह ने जनता के लिए नुकसानदायक बताया, उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से जनता के हित में नहीं हैं। कहा कि शनिवार को स्लैब रेट निर्धारण की बैठक में जलकल विभाग द्वारा प्रस्तावित स्लैब रेट संख्या 0 से 8000, 8001 से 12000, 12001 से 16000, 16001 से 20000, 20001 से अधिक तक पर सहमति हो गई थी, इस स्लैब रेट को रविवार को हुई बैठक में संशोधित कर दिया गया जो सरासर जनता के हित में नहीं है।
पुराना स्लैब रेट खत्म, नया लागू के लिये बनी है सहमति
बताया जा रहा है कि पुराने स्लैब रेट 0 से 360, 361 से 2000, 2001 से 3500, 3501 से पांच हजार और पांच हजार से अधिक के स्थान पर नया स्लैब रेट 0 से 4000, 4001 से 8000, 8001 से 12000, 12001 से 16000 और से अधिक भवनों के लिये रेट निर्धारितयुक्त प्रस्ताव कमेटी के समक्ष रखे गये। जिस पर उपस्थित सदस्यों ने सहमति जतायी।
नये स्लैब रेट से उपभोक्ताओं पर पड़ेगा प्रभाव
-पूर्व में निर्धारित पहले स्लैब रेट के मुताबिक न्यूनतम 804 रुपये जलमूल्य देने वाले 2,950 भवन स्वामियों की जगह नए स्लैब रेट में 45,513 भवन स्वामी शामिल किए गए हैं, यानी 42,561 भवन स्वामी जिन्हें 1508 रुपये अथवा इससे अधिक जलमूल्य प्रतिवर्ष देना पड़ता था, अब उन्हें 804 रुपये देना पड़ेगा।
-दूसरे श्रेणी के स्लैब रेट में 1,508 रुपये जलमूल्य देने वाले कुल 8,669 भवन स्वामियों की जगह अब 55,269 लोगों को शामिल किया गया है, यानी 46,600 भवन स्वामियों को जिन्हें 1,809 रुपये अथवा उससे अधिक जलमूल्य देना पड़ता था, अब उन्हें केवल 1,508 रुपये भुगतान करना होगा।
-तीसरे श्रेणी के स्लैब रेट में 1,809 रुपये जलमूल्य देने वाले कुल 23,753 भवन स्वामियों के स्थान पर 34,931 लोगों को शामिल किया गया है, यानी 11178 भवन स्वामी जिन्हें अभी तक 2,010 अथवा इससे अधिक जलमूल्य भुगतान करना होता था, अब उन्हें 1,809 रुपये देना पड़ेगा।
-2,814 रुपये जलमूल्य देने वाले भवन स्वामी जिनकी कुल संख्या 1,39,968 थी, उनकी संख्या घटाकर अब 55,025 कर दी गई, यानी 83,243 भवन स्वामियों को 2814 रुपये की जगह अब 2,010 अथवा इससे कम दरों पर प्रतिवर्ष जलमूल्य देना होगा।
नया स्लैब रेट
0-4000
4001-8000
8001-12000
12001-16000
16001 से ज्यादा
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पुराना स्लैब रेट
0-360
361-2000
2001-3500
3501-5000
5001 से ज्यादा
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इस स्लैब रेट की मांग
0 से 8000
8001 से 12000
12001 से 16000
16001 से 20000
20001 से ज्यादा
पांच जून को जिस स्लैब रेट पर सहमति बनी थी, उसी को सदन में पेश किया जाना चाहिए। अन्य किसी स्लैब रेट से जनता को नुकसान होगा।
अशोक सिंह, नये स्लैब रेट निर्धारण कमेटी के सदस्य व वरिष्ठ पार्षद
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0 से 4000 स्लैब में जिन मकानों को दिखाया जा रहा वास्तव में वह कम है, यदि 0 से 8000 का स्लैब रेट फॉलो किया जाता तो ज्यादा उपभोक्ताओं को फायदा होता।
आनंद घिल्डियाल, वरिष्ठ पार्षद