महाप्रबंधक की अध्यक्षता में साप्ताहिक संरक्षा एवं समयपालन बैठक आयोजित
जनता की शिकायतों के निवारण में किसी भी तरह की देरी अस्वीकार्य है। रेल मदद के माध्यम से प्राप्त जनता की शिकायतों का उचित विश्लेषण करके जल्द से जल्द जवाब दिया जाय। उक्त बातें महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे प्रमोद कुमार ने बुधवार को जोन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कही। आगरा, प्रयागराज और झांसी के मंडल रेल प्रबंधकों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के दौरान महाप्रबंधक ने यह स्पष्ट किया कि ट्रेन संचालन में संरक्षा सर्वोपरि है। महाप्रबंधक ने कहा कि यह अधिकारियों और पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षित करें और उनकी क्षमताओं को नियमित रूप से अपग्रेड करें।
खुद को अपडेट और अपग्रेड करना होगा
मुख्य संरक्षा अधिकारी मनीष गुप्ता द्वारा आपदा प्रबंधन योजना के संबंध में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन साझा करने के साथ हुई। श्री गुप्ता ने कहा कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए खुद को तैयार रखने के लिए हमें खुद को अपडेट और अपग्रेड करना होगा। मंडल रेल प्रबंधकों ने यह भी बताया कि अपनी तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल की जा रही है। वहीं महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने निर्देश दिए कि रिस्क मैपिंग एक स्टैटिक प्रैक्टिस नहीं होना चाहिए। सोशल मीडिया और मोबाइल प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर भी चर्चा की गई ताकि लोगों के बीच चलती ट्रेनों में बोìडग / डीबोìडग आदि संरक्षा संबंधी प्रथाओं के बारे में जागरूकता प्रसारित की जा सके।
इन बातों पर भी हुई चर्चा
ट्रेनों में आग की घटनाओं संबंधी मामलों में रेलवे कर्मचारियों द्वारा बचाव और सावधानियों के संबंध में उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की गई।
स्टेशन के कर्मचारियों और अधिकारियों को समय-समय पर नजदीकी अस्पतालों, पुलिस थानों के साथ समन्वय बैठकें करनी चाहिए।
किसी भी स्थानीय मेला या अन्य समागमों जैसे आगामी कार्यक्रमों की पहचान करने के लिए मंडलों में साप्ताहिक बैठकें होनी चाहिए।
जनता को न्यूनतम असुविधा के साथ ट्रेन संचालन फिर से शुरू किया जा सके।
अन्य मुद्दों जैसे एसेट फेलियर और उन्हें कम करने के लिए उठाए गए कदम, अदालती मामलों की स्थिति और को कम करने के लिए किए गए उपाय एवं यात्री सुविधाओं से संबंधित मदों पर चर्चा की गई।