प्रयागराज ब्यूरो दरियाबाद के अली नगर से देर रात अजाखाना शाकिर अब्बास से ताबूत व अलम का जुलूस निकाला गया। ऊरुज अब्बास किबला ने मजलिस को खिताब किया तो अन्जुमन हुसैनिया रजिस्टर्ड, अन्जुमन हुसैनिया कदीम व अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासमिया बख्शी बाजार ने नौहा व मातम की सदा बुलन्द की। अन्जुमन मासूमिया की ओर से करैली जेके आशियाना मसूद के अजाखाने से जुलूस याद ए असीराने करबला निकाला गया। शहीर रालवी के संचालन में नसीम बिसौनवी ने मर्सिया पढ़ा। आकिब रजा रालवी व मुज्तबा हैदर ने पेशख्वानी की।

मौलाना इंतेजार आब्दी ने मजलिस को खिताब करते हुए शोहदा ए करबला का जिक्र किया। अन्जुमन असगरिया अमहट सुल्तानपुर के नौहाख्वानो ने पुरदर्द नौहा पढ़ा। हसन सबा रिजवी के अजाखाने के बाहर मौलाना जमीर हैदर रिजवी ने अन्तिम तकरीर की तो काफला ए बनी असद के मंजर की मंजरकशी की गई। अकीदतमन्दों ने जंजीरो का मातम भी किया। शबीह ए ताबूत, अलम ज़ुलजनाह व अमारी भी जुलूस में शामिल रही जिस पर अकीदतमन्दों ने फूल माला चढ़ा कर मन्नत व अकीदत का इजहार किया।

छलकीं अजादारों की आंखें

दो माह और आठ दिनों तक चलने वाले अजादारी में अब चन्द रोज ही बाकी रह गए हैं ऐसे में हर तरफ मजलिस मातम शब्बेदारी व जुलूस का दौर एक बार फिर से ऊरुज पर आ गया है। हाजी मंजर कर्रार के गौस नगर करैली आवास पर सालाना मजलिस आयोजित की गई जिसमें जैगम अब्बास की मर्सिया से मजलिस का आगाज हुआ। ईरान से आए सैय्यद मोहतशिम किब्ला ने मजलिस को खिताब किया वहीं दरियाबाद मस्जिद गदा हुसैन के पास अजाखाना स्व नब्बन साहब में शाहरुख हुसैनी की ओर से हुई मजलिस को मौलाना ऊरुज अब्बास ने खिताब किया। वसीम मोआय्यवी की निजामत में हैदर अब्बास बिट्टू ने मर्सिया पढ़ा अलम व ज़ुलजनाह भी निकाला गया।

अन्जुमन हुसैनिया कदीम दरियाबाद ने पुरदर्द नौहा पढ़ा तो लेबर चौराहा करैली मस्जिद ए मोहम्मदी में यासिर हुसैन ईशान की ओर से आयोजित मजलिस में मौलाना सगीर हसन खां ने करबला के बहत्तर शहीदों का मार्मिक अन्दाज़ में जि़क्र किया। हसन रिज़वी सब्ज़वारी ने ग़मगीन मर्सिया पढ़ा। अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमया बख्शी बाजार के नौहाख्वानो शादाब जमन, अस्करी अब्बास, अखलाक रजा, जहीर अब्बास, कामरान रिजवी, ऐजाज नकवी, असद अली, कामरान, जीशान, रजा अली, अकबर रिजवी, हैदर रिजवी, फरमान रिजवी आदि ने पुरदर्द नौहा पढ़ा।