नगर निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष पद के लिये किसी और सदस्य ने नहीं किया नामांकन

एक घंटे में पूरी हो गयी नामांकन से लेकर निर्वाचन तक की प्रक्रिया

नगर निगम कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष पद पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है। शनिवार को उपाध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया करीब एक घंटे में ही पूरी हो गयी। कोई अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में होता तो 12 सदस्यों की वोटिंग होती पर सिर्फ अखिलेश सिंह के नामांकन होने से उन्हें निíवरोध उपाध्यक्ष घोषित कर दिया गया। नामांकन का समय बीतने के बाद महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने अखिलेश सिंह को उपाध्यक्ष चुने जाने की घोषणा कर दी। इसके बाद नगर निगम परिसर में जश्न का माहौल छा गया। सदस्यों ने नारेबाजी भी की।

इस प्रकार हुई पूरी प्रक्रिया

नगर निगम की 12 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष पद के लिये नामांकन प्रक्रिया महापौर की अध्यक्षता में शुरू हुई।

शनिवार सुबह सवा 11 बजे से 11 बजकर 45 मिनट तक नामांकन प्रस्ताव

11.45 से 12.15 बजे तक नाम वापसी

उसके बाद 12.15 से 12.45 बजे तक मतपत्र की तैयारी

12.45 से 1.30 बजे तक मतदान और फिर मतगणना और परिणाम घोषित किये जाने का कार्यक्रम तय था।

निर्धारित प्रक्रिया समय से शुरू हुई। कोरम न पूरा होने की वजह से 15 मिनट के लिये समय बढ़ा दिया गया।

करीब सवा 12 बजे तक सिर्फ भाजपा प्रत्याशी अखिलेश सिंह ने नामांकन किया।

उनके प्रस्ताव भाजपा पार्षद कमलेश तिवारी रहे।

कोई अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में न होने के कारण महापौर ने अखिलेश सिंह को निíवरोध निर्वाचित हुये।

समिति कक्ष में हुई विशेष बैठक

नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व कार्यकारिणी समिति की विशेष बैठक भी समिति कक्ष में हुई। जिसमें पार्षद दिलीप जायसवाल उर्फ दीपू, अमरजीत यादव, अल्पना निषाद शामिल नहीं हुई। बैठक में मात्र नौ सदस्य ही उपस्थित थे। अखिलेश सिंह को निíवरोध चुने जाने के बाद अल्पना निषाद पहुंचीं।

सिद्धार्थनाथ और नंदी के नाम के लगे नारे

पार्षद अखिलेश सिंह को उपाध्यक्ष चुने के बाद नगर निगम परिसर में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और नंद गोपाल गुप्ता नंदी के नाम के नारे भी लगाये गये। बीच-बीच में अखिलेश सिंह जिंदाबाद, नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे भी लगाये जा रहे थे। एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का हर्ष मनाये जाने का सिलसिला भी करीब एक घंटे तक चला।

सुरक्षा के किये गये थे पुख्ता इंतजाम

कार्यकारिणी उपाध्यक्ष चुने जाने को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किये गये थे। एसीएम द्वितीय और सीओ सिविल लाइंस भी पूरे चुनाव प्रक्रिया तक नगर आयुक्त कार्यालय के सामने डटे रहे। वहां के गेट पूरी तरह बंद था। मुख्य द्वार पर ही वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी थी। बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह कार्यकारिणी कक्ष के आसपास प्रतिबंधित था। हर ओर पुलिस का पहरा बिठा दिया गया था। बता दें कि इससे पूर्व 12 फरवरी को भी कार्यकारिणी उपाध्यक्ष पद के चुनाव होना था। अखिलेश सिंह के नामांकन के बाद भाजपा पार्षद दिलीप जायसवाल उर्फ दीपू भी नामांकन के लिये पहुंच गये। जिस कारण टकराव के बाद मारपीट तक हो गयी थी। महापौर को चुनाव स्थगित करना पड़ा था। इस घटना को देखते हुये शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किये गये थे। वहीं इस मौके पर पार्षद अमरजीत सिंह, पार्षद रोहित मालवीय, पार्षद जगमोहन गुप्ता, पार्षद कमलेश तिवारी, पार्षद रिंकी यादव, पार्षद मो़ आजम, पार्षद नन्दलाल, पार्षद मोइनउद्दीन, पार्षद नीलम यादव, पार्षद दीपक कुशवाहा, पार्षद सुशील कुमार, पार्षद किरण जायसवाल, पार्षद मिथिलेश सिंह, पूर्व पार्षद राजेश जायसवाल, पार्षद ओपी द्विवेदी, नामित पार्षद विजय मल्होत्रा एवं अनूप मिश्रा, मंडल अध्यक्ष कौशिकी सिंह, हिमांशु पाण्डे, शिव तिवारी, अपर नगर आयुक्त मुशीर अहमद, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

वरिष्ठ पार्षद सत्येंद्र चोपड़ा का निधन

वार्ड नम्बर 77 मीरगंज के भाजपा पार्षद रहे सत्येंद्र चोपड़ा का निधन शनिवार को हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वह कैंसर से कई वर्षो से जूझ रहे थे। महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी सहित अन्य लोगों ने सत्येंद्र चोपड़ा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह पार्टी के कर्मठ साथी थे। उनके निधन से पार्टी ने कर्मठ साथी खो दिया।