प्रयागराज (ब्यूरो)। मामले की सच्चाई का पता लगाने नैनी सेंट्रल जेल पहुंचे अधिकारी पहले वरिष्ठ जेल अधीक्षक से मिले। जेल अधीक्षक द्वारा अफसरों को बताया गया कि आनन्द गिरि से मिलने के लिए उनके अधिवक्ता आए थे। अधिवक्ता चाहते थे कि वह प्रकरण से जुड़े एक दूसरे आरोपित आद्या तिवारी से मिले। चूंकि परमीशन आनन्द गिरि से ही मिलने की थी, इस लिए उन्हें जेल में बंद आद्या तिवारी से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। बताया कि इसी बात से नाराज होकर अधिवक्ता द्वारा जेल पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई। जेल के सूत्र बताते हैं कि छानबीन में पहुंचे अधिकारियों द्वारा आनन्द गिरि से भी इस मामले में बात की गई है। अब आनन्द गिरि द्वारा अधिकारियों को क्या जानकारी दी गई यह बताने से अधिकारी भी कतरा रहे हैं। बताते चलें कि आनन्द गिरि अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि की खुदकुशी मामले में नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं। जेल में बंद आनन्द गिरि के मुकदमे की पैरवी अधिवक्ता विजय द्विवेदी कर रहे हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक नैंनी सेंट्रल जेल पीएन पांडेय ने कहा कि आए हुए अधिकारियों द्वारा चाही गई जानकारी दे दी गई है।